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19 Feb 2024 · 1 min read

बेहतर कल

पाने को एक बेहतर कल
उद्यम की ली है राह पकड़

इन राहों की नींदों को
बोला कुछ विश्राम कर

भेदने रात का कम्बल
सूर्य क्षितिज में गया निकल

पंछी ने उड़ने से पहले
समेटे अपने सारे पर

जड़ की जीवन-इच्छा ने
काट डाले हैं पत्थर

तीव्र खोज के बाद कुदरत
दे देती मरूभूमि में जल

Language: Hindi
1 Like · 50 Views
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