Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

वंदे मातरम

बलिदानों का दुर्लभ अवसर कहीं न जाए बीत
पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत
वंदे मातरम, बोलो, वंदे मातरम

केसर की घाटी अपनी,पावन हिमशिखर हमारा
स्वर्ण-रजत हिम से आच्छादित अक्षयचिह्न हमारा
रवि की प्रथम किरण का स्वागत करता जो गलियारा
वहाँ तमस न आने पाये यह कर्तव्य हमारा

त्याग और बलिदान हमारी युगों पुरानी रीत
पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत
वंदे मातरम, बोलो, वंदे मातरम

दशकों तक अन्याय सहा कैसी है यह नादानी
रुधिर उबलता नहीं शिरा में हुआ निरा क्या पानी
भावी पीढ़ी को क्या दे सकेंगे कोई धरोहर
मातृभूमि के काम न आए तो है व्यर्थ युवानी

तिमिर कदापि नहीं पा सकता सत्प्रकाश पर जीत
पहन बसंती चोला कवि अब गाओ क्रांति के गीत
वंदे मातरम बोलो वंदे मातरम

Language: Hindi
49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
मासूमियत
मासूमियत
Punam Pande
माता की महिमा
माता की महिमा
SHAILESH MOHAN
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
सुनो द्रोणाचार्य / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दिवाली व होली में वार्तालाप
दिवाली व होली में वार्तालाप
Ram Krishan Rastogi
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
DrLakshman Jha Parimal
■ दिल
■ दिल "पिपरमेंट" सा कोल्ड है भाई साहब! अभी तक...।😊
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
मैं असफल और नाकाम रहा!
मैं असफल और नाकाम रहा!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
*जमानत : आठ दोहे*
*जमानत : आठ दोहे*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
2255.
2255.
Dr.Khedu Bharti
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बाल कविता: मछली
बाल कविता: मछली
Rajesh Kumar Arjun
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*बदलना और मिटना*
*बदलना और मिटना*
Sûrëkhâ Rãthí
"ला-ईलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
Loading...