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19 Feb 2024 · 1 min read

बिटिया बड़ी हो गई

दिव्या की वर्षगांठ पिता के उद्गार

छुटकी कितनी बड़ी हो गई
अपने पैरों खड़ी हो गई ।

बेटी भी है बेटा भी है
मां की परम सहेली है
जब तब दादी मां बन जाती
यह भी अजब पहेली है
जब उसको गुस्सा आया तो
सबको डपटने खड़ी हो गई
जाने कितनी बड़ी हो गई

कभी मित्र अभिभावक कभी
कभी डॉक्टर बन जाती है
और आवश्यकता पड़ने पर
फाइनेंसर बन जाती है
बुढ़ापे की छड़ी हो गई
हे हरि कितनी बड़ी हो गई

जो भी हरि को हितकर होगा
वह जीवन में पाएगी
उन्नति करती रहे निरंतर
सबको राह दिखाएगी
सबके मन को प्रेम भाव से
जोड़ने वाली कड़ी हो गई
हां सचमुच वह बड़ी हो गई

Language: Hindi
41 Views
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