Posts “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 224 authors · 533 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Nitu Sah 14 Jun 2022 · 1 min read मैं हूं तेरे साथ ना डर मेरे लाडले ,आगे चलते-चल मैं हूं तेरे साथ, तू आगे चलते-चल।। किस बात की है हैरानी,तू ढूंढ ले ओ रौशनी मैं हूं तेरे साथ,तू मन में भर के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल 3 4 203 Share Neetu gupta 13 Jun 2022 · 2 min read पिता जिसमें दिखता ईश्वर का रूप वह मेरे पापा ही तो कहलाते हैं जो बिना थके दिन रात मेहनत करते हैं अपनी हर व थकान को एक प्यारी सी मुस्कान से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 3 167 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 13 Jun 2022 · 1 min read पिता की नसीहत जाते हो परदेश पुत्र, नसीहत गांठ बांध दिल में रखना निंदित कर्मों को छोड़ पुत्र, काम चाहे जो करना परधन परदारा से दूरी, जीवन में हरदम रखना परदारा को बहिन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 10 734 Share Sushil chauhan 13 Jun 2022 · 1 min read चंद सांसे अभी बाकी है टूट चुका हूं खटते खटते बिखरना अभी बाकी है। चंद सांसे अभी हैं। जिसका जाना अभी बाकी है। मौत रोज हमें सिरहाने खड़ी हो कर पूछती है। आजा भाई क्या... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 340 Share Ghanshyam Poddar 13 Jun 2022 · 1 min read पिता जी ! प्रणाम तुम जीत जाओ मैं हार जाता हूं। तुम ढूंढों मुझे मैं छिप जाता हूं। और नवीन ऊर्जा से तुम्हें भर देता था/ हूं । जीवन एक संघर्ष है जीत- हार... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 4 166 Share Dr Manju Saini 13 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा के जाने पर भी शीर्षक:पापा के जाने पर भी आपके चले जाने पर भी… कोयल की वही कूक सुनाई दे रही हैं मगन मतवाली उड़ उड़ गा रही हैं डाली-डाली बैठ गुनगुना रही हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 2 163 Share Rajeev kumar 13 Jun 2022 · 1 min read पिता का पुरस्कार परमपिता ने ऐसा किसी को पैदा किया ही नहीं जो अपने लिए कभी जीया ही नहीं मार कर अपनी इच्छाएं बच्चों के लिए ही जीता है हर घर में ऐसा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 4 3 135 Share Dr Manju Saini 13 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक: पापा मेरे खुशियां मेरी शीर्षक: पापा मेरे खुशियां मेरी मेरी तो मुस्कान थे मेरे प्यारे पापा मेरे होठों की हँसी खुशी थे मेरे पापा मेरी आँखों में खुशी व चमक थे मेरे पापा पापा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 2 133 Share Seema gupta,Alwar 13 Jun 2022 · 1 min read पिताऔर प्रशंसा पिता है जीवन का प्रेम पिटारा पिता है आंनद का खजाना पिता है तो सुखों का है जमाना पिता है तो जीवन मे माधुर्य को पाना पिता सहज सुगम रास्ता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 3 186 Share Dr Manju Saini 13 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा संग खुशियां अपार शीर्षक:पापा संग खुशियां अपार पापा आप संग खुशियां मिलती थी खुशियां अपार,प्यार मिलता था अपार आप साक्षात थे तो सुकून मिलता था अपार आपसे तो मुझे तब मिलता था भरपूर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 191 Share Dr Manju Saini 13 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक: पापा का कहना "मैं रहूं न रहूं" शीर्षक: पापा का कहना "मैं रहूं न रहूं" जिंदगी का जिंदगी से साथ जिंदा रहे हम, रहे जब तक हमारा हौसला जिंदा रहे बिटिया तुममे रहूँगा मैं हमेशा मैं रहूं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 117 Share Raju Gajbhiye 13 Jun 2022 · 1 min read पिता पिता (कविता) वटवृक्ष - कल्पवृक्ष घर का मुखिया । हर-पल सुख-दुःख में सदैव साथ निभाया ।। अपने चेहरे के भाव छुपाकर , जिम्मेदारी निभाना । अपने बच्चों को उच्च शिखरों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 599 Share Aditya Prakash 13 Jun 2022 · 1 min read हमारे शुभेक्षु पिता जो करते मेहनत दिन-रात, जो हमेशा करते ख्वाहिशें पूरी अपने बच्चों की, यही अदा अपने पिता की लगती सभी बच्चों को प्यारी | जो जुटे रहते हमेशा दिन के धूप... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 4 365 Share Bhargav Ramoliya 13 Jun 2022 · 1 min read पिता मुझे चलना सिखाया वो पिता जिसने आगे बढ़ना सिखाया मुझे वो पिता जिसने मुझे बारिश से बचाया वो पिता जिसने मुझे पढ़ने भेजा वो पिता जो मुझे आगे बढ़ाता चला... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 3 134 Share सतविन्द्र कुमार राणा बाल 13 Jun 2022 · 1 min read जनक का जीवन हर आफत से खुद जो जूझे ऐसी वह चट्टान है निर्भर उस पर जो रहते हैं उन सबका वह मान है इंसां रब-सा रुतबा पाता बन जाता है जब पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 2 2 196 Share Harinarayan Tanha 12 Jun 2022 · 1 min read पिता दशरथ का संताप जाने क्या नियति में था लक्ष्य भेदन जो मै चला एक क्षण की भूल मेरी आज फलित हो रहा श्राप है पिता दशरथ का ये संताप है कितने ठोकर कितने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 233 Share Dr. ADITYA BHARTI 12 Jun 2022 · 3 min read पिता यत्र,तत्र, सर्वत्र विराजमान है पिता के कथा की यात्रा का आरंभ अपनी इस कविता से कर रहा हूं पिता पर कविता सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है मैं डर रहा हूं आप सभी का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 26 20 480 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 12 Jun 2022 · 1 min read मेरे पापा... पापा तुमने हमे सन्मार्ग पर चलना सिखाया समाजसेवा का मूल मंत्र आपने बताया अच्छी अच्छी सामाजिक बातों को समझाया आपकी छत्र छाया में पौधे से बढ़कर वृक्ष बने... पापा आप... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · पिता 7 7 744 Share मीनी 12 Jun 2022 · 1 min read पिता इस दुनिया का हर रिश्ता पिता पर टिका है, पिता ने अपने हर बच्चे की किस्मत को लिखा है । हर बेटी अपने पिता के लिए शान होती है, हर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 6 7 224 Share Dr Manju Saini 11 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक:सिलसिला पापा की यादो का शीर्षक:सिलसिला पापा की यादो का सिलसिला बदस्तूर यूँ ही जारी है मेरे शब्दों का रुप लेकर आपकीतस्वीर को जब भी देखती हूँ कलम ओर शब्द यूँ ही चलते है क्योंकि…... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 130 Share Raj Vig 11 Jun 2022 · 1 min read पिताजी विषम आर्थिक परिस्थितियों मे अपनी इच्छाओं को दरकिनार कर मेरी हर छोटी बड़ी ख्वाहिश को पूरा किया है पिताजी आपने । जिन्दगी के कठिन दौर मे रात रात भर जाग... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 5 291 Share TARAN VERMA 11 Jun 2022 · 1 min read पापा के निशान दिखते है अम्बर मे दिखते है जमीन पर बस पापा के निशान से। खेतों मे हल चलाते है धूप को मजा चढ़ाते है बस पापा के निशान से। बड़ी बड़ी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 2 493 Share asha0963 11 Jun 2022 · 1 min read पीयूष छंद-पिताजी का योगदान पीयूष छंद 2122 2122 212 पिताजी का योगदान प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है । शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है ।। नींव होते है पिता संस्कार है... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 6 4 501 Share atulchahande1000 11 Jun 2022 · 1 min read पिता मांगता रहा था तजुर्बा लोगों से, भूल गया की घर में बैठा वो शख्स भी तजुर्बे वाला है। कभी फुरसत से बैठ पास उनके क्या कभी उनके दर्द को भी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 5 4 173 Share ranjana singh angvani bihat 11 Jun 2022 · 1 min read पिता जीवन का आधार पिता को क्यों जमाना बेदर्द कहता है ? क्यों कहावत है- "मर्द को दर्द नहीं " ये एक जटिल प्रश्न है?खोज तो सही। मैं जानती ,महसूसती हर पल यही, पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 3 153 Share Sushil chauhan 11 Jun 2022 · 1 min read मेहनत मेहनत करने वाले कभी भूखे नहीं मरते, और बुरी नियत वालों के कभी पेट नहीं भरते यू टुकुर टुकुर देख कर यूं ही, जलते रहते हैं और मेहनत करने वाले... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 1 287 Share Dr.sima 10 Jun 2022 · 1 min read पिता बेफिक्र दुनिया में जिनके होते पिता। उम्मीदों भरा साथ, रहने का ढंग देता पिता। मेरे तन का माघ्यम पिता । संस्कार की ओज में मेरे जोश में मेरे पिता ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 2 431 Share Seema gupta,Alwar 10 Jun 2022 · 1 min read पिता ही है जब तक पिता का हाथ सिर पर होता है जिम्मेदारी से मन आजाद होता है मन बेपरवाह मगन होता है पिता साथ जब होता है कोई डर नही पिता तो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 2 286 Share Sushil chauhan 10 Jun 2022 · 1 min read संघर्ष मैं थका जरूर हूं। पर हरा नहीं हूं। मुझ में हिम्मत अभी बाकी है। मैं असफल जरूर हुआ हूं।। पर संघर्ष करना अभी बाकी है। असफलता तो जिंदगी का हिस्सा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 9 597 Share AMRESH KUMAR VERMA 10 Jun 2022 · 1 min read ईश्वरीय फरिश्ता पिता पिता बच्चों के होते अरमान इन्हें रहते कभी भी अर्भ को न छू सकती मर्ज़, शिथिलता पिता का ह्रदय होता मनोरम । पिता अपने बौद्धभिक्षुओं को ले जाना चाहते ऊंचे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 2 375 Share TARAN VERMA 10 Jun 2022 · 1 min read पापा गोय पापा गोय ए पापा गोय गांव के चिन्हा देखादे भूल गे हो मे घूमे बर मोला गरति आमा खावादे पापा गोय ए पापा गोय। दाई देखत होहि मोला सिथा के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · Poem 419 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 9 Jun 2022 · 1 min read 🚩पिता 🧿 पितु,पोषक सद्ज्ञान 1️⃣ठाँव है। नवजीवन-उत्थान 2️⃣पाँव है। जगत्-सिंधु के पास आप,तब। बोध-सूर्य की धूपछाँव है। 🧿 पितु दुलार है,सफल प्यार है। खुशियों की पोषक बयार है। संस्कारों की दिव्य... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · नायक जी के मुक्तक 9 9 881 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 9 Jun 2022 · 1 min read बाबू जी सुधियों संग बुढ़ापा काटें, तन्हाई में बाबू जी। दुखी हो गए भित्ति उठी जब,अँगनाई में बाबू जी।।1 दुबक गए हैं घर के अंदर,साथ नहीं देती काया, पाए जाते थे जो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीतिका 5 6 178 Share Dr. BIPIN PANDEY 9 Jun 2022 · 1 min read बाबू जी सुधियों संग बुढ़ापा काटें, तन्हाई में बाबू जी। दुखी हो गए भित्ति उठी जब,अँगनाई में बाबू जी।।1 दुबक गए हैं घर के अंदर,साथ नहीं देती काया, पाए जाते थे जो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 255 Share anita1411974 9 Jun 2022 · 1 min read *पिता:एक याद* *एक फोन लगवा दो कोई परलोक-द्वार में ।* *खो गयी कहीं बाबुल की आवाज संसार में ।।* *तरसे कान सदा ही सुनने को मीठी बातें ।* *निर्निमेष दृष्टि फोन ताके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 16 210 Share anita1411974 9 Jun 2022 · 1 min read पिता *पिता* *पितृ-भाव को सोहे,शब्द कहाँ से लाऊँ।* *अर्थ पिता का समझे,शब्द कहाँ से पाऊँ।* *नभ-सा वृहद छत्र तुम,पर्वत-सी ऊँचाई ।* *अगाध मनन करो तो,सागर-सी गहराई ।* *रवि की उष्णता कभी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 12 257 Share Dr Manju Saini 9 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक: ख्यालो में पापा शीर्षक: ख्यालो में पापा जब भी सोती हूँ आपकी यादो का तकिया लगा सोती हूँ आपके ख्यालों का तकिया सिरहाने लगाती हूँ बस यही सोच कि आप आएंगे आज ख्यालो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 124 Share Arvind trivedi 9 Jun 2022 · 1 min read पिता पिता हर घाव की औषधि, पिता हर कष्ट में साथी । पिता तहजीब की मूरत, पिता आदर्श की पाती ।। पिता पुरुषार्थ का सूचक, दिया संबल मुझे हरपल । छिपाकर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 2 258 Share Dr Manju Saini 9 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक: पापा चिट्ठियां खो गई वो आपकी शीर्षक: पापा चिट्ठियां खो गई वो आपकी पापा घर छुटा आपके जाने के बाद वो चिट्ठियां कहां खो गई पता नही चला पैतृक संपत्ति में वे मिल जाती तो मुझसा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 134 Share Dr Manju Saini 9 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा बिन कैसा गाँव शीर्षक:पापा बिन कैसा गाँव आप गए तो बदली रंगत हुआ परिवार विसंगत वक्त के साथ बदली रंगत न अब उनकी कोई संगत पापा बिन कैसा गाँव… न वो खुशियां ना... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 127 Share Umender kumar 9 Jun 2022 · 1 min read “पापा आप बहुत याद आते हो” “पापा आप बहुत याद आते हो” रोज़ दिन आता है बीत जाता है, पर तुम नहीं आते….. याद आती है, आखो मे पुरानी तस्वीरे तिरती रहती है, पर तुम नहीं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 259 Share Pallavi Mishra 9 Jun 2022 · 1 min read ऐसे होते हैं पापा बच्चों में जो घुल मिल जाएँ; तोहफ़े लाएँ, सैर कराएँ; समझाएँ, कभी डाँट लगाएँ; ज्ञान की बातें भी बतलाएँ; किस ने उनके प्यार को मापा? ऐसे होते हैं पापा.............. हर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 166 Share Pallavi Mishra 9 Jun 2022 · 1 min read दायरा यह सच है पिता ने प्रसव वेदना नहीं सही है लेकिन क्या उसके अंदर अपनी संतान के लिए अतुलनीय संवेदना नहीं रही है? अपनी संतान को समाज का/ देश का/... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 191 Share Pallavi Mishra 9 Jun 2022 · 1 min read पिता जब औलाद का कद पिता के बराबर हो जाता है - वह अपनी उपलब्धियों पर इतराता है - और पिता के कुर्बानियों को भूल जाता है - उल्टे पिता से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 247 Share Manu Vashistha 8 Jun 2022 · 2 min read मेरे पिता से बेहतर कोई नहीं मां बताती हैं... वीडियो कॉल पर बात भी करवाती हैं कमजोर हो गए हैं पिताजी कुछ नहीं कहते, बस ताकते रहते जीवन की सांध्य बेला में शरीर से ही नहीं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 4 533 Share Sushil chauhan 8 Jun 2022 · 1 min read पैसा पैसे की भूख ऐसी लगी कि कमाने निकल गए । जब पैसा मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए। बच्चों के साथ रहने की फुर्सत न मिल सकी। जब फुर्सत... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 723 Share Dr Manju Saini 8 Jun 2022 · 1 min read शीर्षक:शोर सा क्यूँ हैं पापा शीर्षक:शोर सा क्यूँ हैं पापा ये अजीब सा शोर क्यूँ हैं पापा... मेरे दिल मे आज एक तूफान सा हैं एक शोर हैं अनजाना सा शायद इसलिए मुझे कुछ अजीब... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 124 Share vikkychandel90 विक्की चंदेल (साहिब) 8 Jun 2022 · 1 min read "मेरे पिता" "मेरे पिता" लिया जन्म जब मैंने इस सुंदर सँसार में, घर के एक कोने में खड़े थे मेरे पिता। मैं ज़ब रोए जा रहा था मां की गोदी में, मंद... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 21 410 Share Jyoti Khari 8 Jun 2022 · 1 min read पिता:एक अनूठी अभिव्यक्ति पिता ने संघर्षों को चुना या संघर्षों ने पिता को चुना... यह मैं आज तक ना समझ पायी। बस इतना मालूम है... पिता ही हैं जिनके कारण, मेरे जीवन में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 20 42 648 Share Sanjay Jain 8 Jun 2022 · 1 min read सीख पिता की सीख पिता की -जीवन है एक आग का दरिया, डूब डूब कर पार है जाना हर एक पल संघर्ष भरा है , हार नहीं बस जीत है पाना ठोकर खाकर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 4 313 Share Previous Page 2 Next