Posts साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 151 authors · 340 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 नूरफातिमा खातून नूरी 1 Jul 2021 · 1 min read अब और नहीं बस,अब और नहीं पायल का बलात्कार हुए दो महीने बीत चुके हैं। पुलिस ,कोर्ट-कचहरी का मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया है। पायल के माता-पिता दिल पर पत्थर रखकर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · लघु कथा 1 2 289 Share Raaj Kavi 1 Jul 2021 · 5 min read मुआवज़ा (उत्तराखंड 2013 की सत्य घटनाओं से प्रेरित) दो बूढ़ी सूखी आँखे उस चेक को एकटक देखे जा रहीं थीं, जो अपने जीवन का सर्वस्व खोने की एवज में बतौर मुआवज़ा सरकार की तरफ से उसे दिया गया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · लघु कथा 3 4 705 Share Raaj Kavi 1 Jul 2021 · 4 min read चरित्र परिवर्तन (उत्तराखण्ड 2013, सत्य घटनाओं से प्रेरित) "सब ईश्वर की इच्छा है, इसमें हम इन्सान क्या कर सकते हैं।" नेताजी के कानों में रह रह कर ये शब्द गूँज रहे थे। अभी चन्द घण्टों पहले एक न्यूज... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · लघु कथा 3 3 564 Share सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 1 Jul 2021 · 6 min read अपील शाम का प्रहर था।अभी सूरज का अस्ताचल गमन हुआ ही था,उसके उपरांत भी उसकी लोहित आभा अभी गाँव की धरती पर सुर्ख-झीना चादर ओढ़ाए थी। तभी यकायक गाय रंभाने लगी।हवेली... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 4 514 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Jul 2021 · 3 min read अफ़सोस – लघु कहानी अफ़सोस – लघु कहानी एक छोटा सा परिवार जिसमे माता , पिता , बेटा , बहू और एक पोता | पोते की उम्र करीब सत्रह वर्ष | परिवार खुशहाल और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 39 94 4k Share साहित्यिक मुरादाबाद 1 Jul 2021 · 2 min read आखिर रायता फैल ही गया .... आज उसने बहुत मनोयोग से बूंदी का रायता बनाया था । बहुत दिनों के बाद ननद-ननदोई घर आये थे । रायते की सौंधी खुश्बू से डायनिंग हॉल महक रहा था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 9 489 Share Ram Krishan Rastogi 1 Jul 2021 · 6 min read क्या भगवान है ? एक सच्ची कहानी एक मेजर के नेतृत्व में 15 जवानो की एक टुकड़ी हिमालय पर्वत में अपने रास्ते पर थी उन्हे ऊपर कही तीन महीने के लिए दूसरी टुकड़ी के लिए तैनात होना... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 27 40 1k Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2021 · 4 min read बंटवारा (कहानी) बलदेव सिंह एक अच्छे किसान थे उनकी सूझबूझ और चतुराई के चर्चे सारे गांव में रहते थे। धर्म पत्नी रत्ना देवी भी मिलनसार एवं कुशल ग्रहणी थीं। बड़े बेटे राजकुमार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 1k Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2021 · 4 min read शक (कहानी) बहू क्या ढूंढ रही हो? सुबह से पूरा घर उलट पलट कर रख दिया है? कुछ नहीं माता जी क्या बताऊं मेरे कंगन नहीं मिल रहे, मैंने सब जगह देख... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 6 1k Share Yashika Gupta 1 Jul 2021 · 2 min read आज माँ के ऊपर छिपकली गिर गई आम भारतीय घरों की तरह हमारे घर में भी महावारी के दौरान औरतें रसोई में खाना नहीं बनाती हैं। मान्यता है कि इस प्रक्रिया के दौरान औरतें पवित्र नहीं होतीं,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 9 280 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2021 · 4 min read ननकी काकी (कहानी) दोपहर बाद मुखियाइन के घर रोजाना महफिल जमती है, आज भी जमीं थी। पंडिताइन बोलीं आज ननकी काकी नहीं आईं, नाम तो ननकी बाई था पर प्रेम से सभी ननकी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 799 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jul 2021 · 3 min read भोले भक्त बचपन में माँ जब देवी – देवताओं की कहानियाँ सुनाया करती थी तो कमरे में दीवार पर जो भोले की तस्वीर टँगी थी उसमें उस भोले- भक्त वीरू की अनायास... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 77 4 863 Share Yashika Gupta 1 Jul 2021 · 3 min read वो अनायास ही रोने लगा…. मेरे दिल्ली वाले मामा जी नॉएडा के एक लड़के से मेरे विवाह का प्रस्ताव लेकर आए थे। परिवार अच्छा था, लड़के का सोना चाँदी का कारोबार था और तस्वीर में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 549 Share yashwant viran 1 Jul 2021 · 10 min read सुगंधा #कहानी..... #सुगंधा *** ❤❤.. उनको जटाओं में उलझ करके तो गंगा बन ही जाना था..! खुश्बू को अपने प्रेम से मिलकर सुगंधा बन ही जाना था..! #यशवन्त"वीरान" उस दिन पापा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 523 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jul 2021 · 3 min read नदी के दो किनारे जीवन संध्या में दोनों एक दूसरे के लिए नदी की धारा थे। जब एक बिस्तर में जिन्दगी की सांसे गिनता है तो दूसरा उसको सम्बल प्रदान करता है, जीवन की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 77 4 833 Share Saurabh Chaudhary 1 Jul 2021 · 5 min read "मासूम वॉरियर्स" "मासूम वॉरियर्स" रोहन अपने पापा विपिन के साथ सुबह-सुबह उदास मन से स्कूल जा रहा है। रोहन पास ही में स्थित एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में Ist क्लास में पढ़ता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 315 Share Saurabh Chaudhary 1 Jul 2021 · 5 min read आशा का उजाला "आशा का उजाला" थोड़ी देर में लौट आऊँगी जरा चाची को दवाई दिलवा लाती हूँ उजाला ने साईकिल पर बैठते हुये मम्मी से कहा। प्लेट मे खाना लगा है खाकर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 358 Share Shankar N aanjna 1 Jul 2021 · 2 min read स्वार्थ के खेल हमारा अपना स्वार्थ इतना बड़ा हो जाता है कि हम कुछ चंद पैसों कि वस्तु का मोह नहीं त्याग पाते । यही मोह रिश्तों में दूरियों का कारण भी बनता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 293 Share Shankar N aanjna 1 Jul 2021 · 2 min read सबसे बड़ा धर्मात्मा राजा के चार पुत्र थे। एक दिन राजा ने चारों पुत्रो को बुलाया और कहा, “जाओ” ! किसी धर्मात्मा को खोज कर लाओ। जो सबसे बड़े धर्मात्मा को लाएगा उसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 339 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 1 Jul 2021 · 9 min read मानवता :- एक कदम और मानवता:-एक कदम और राहुल अपने घरेलू काम में व्यस्त था उसे अर्ध नींद में उठाकर उसके पिता जी ने ग्वार का चारा एक जगह अच्छी तरह से जमाकर बड़ी चादर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 14 963 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read एक श्वान की व्यथा हास्य व्यंग्य से भरपूर बहुचर्चित कथा एक श्वान की व्यथा कथाकार : महावीर उत्तरांचली मोती यानी "मैं" और जैकी नरकीय 'पिताजी'! (क्योंकि हमारे कर्म ऐसे हैं कि स्वर्ग मिलने से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 20 686 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 7 min read तिलचट्टे वातावरण में सुबह की ठण्डक और नमी अभी कुछ शेष थी, इसलिए धूप की तपन काबिल-ए-बर्दाश्त थी। लेबर चौक पर फंसी गाड़ियों की हॉर्न की आवाज़े। फैक्ट्रियों की तरफ़ बढ़ते... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 836 Share Surabhi bharati 1 Jul 2021 · 3 min read "अनमोल तोहफा " प्रिया की राज़ से शादी हुए 5 साल हो चुके थे और अब प्रिया के ससुराल वाले भी दोनो को अपना चुके थे तो दोनो किराये का घर छोड़कर अब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 5 601 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 3 min read सोया हुआ आई० ए० एस० के एग्जाम की तैयारियों में इन दिनों रामस्वरूप सिंह की नींद उड़ी हुई थी। परीक्षा की तैयारी में उसने दिन-रात एक कर दिए थे। रामस्वरूप के जीजा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 14 562 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 5 min read आन्दोलन "भारत माता की।" वातावरण में गूंजता एक स्वर। "जय।" प्रतिक्रिया स्वरुप कई स्वर एक सुर में गूंजे। "एक, दो, तीन, चार।" वह स्वर इस बार तीव्र आक्रोश के साथ। "बंद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 686 Share सोनू हंस 1 Jul 2021 · 11 min read अहसास बारिश मूसलाधार थी पर राजसिंह के कदम शहर की ओर तेजी से बढ़ रहे थे। काले दैत्य-मेघों की गड़गड़ाहट दिल में दहशत पैदा करती थी परंतु राजसिंह मानो इन सबसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 296 Share सोनू हंस 1 Jul 2021 · 5 min read मेरा कसूर क्या था...? मैं अपनी जननी की कोख में अपने अधपके शरीर के साथ इस जगत को देखने के सुंदर सपनों में अकसर खो जाती थी। कैसा होगा वो संसार! शायद मेरे सपनों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 452 Share सोनू हंस 1 Jul 2021 · 2 min read प्रायश्चित्त भास्कर ने उषा के साथ आँखें खोली ही थी कि चिडि़यों की चहचहाहट ने सम्राट अशोक को नींद से जगा दिया। "बस एक और विजय, और फिर समस्त आर्यावर्त मेरा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 306 Share शक्ति राव मणि 1 Jul 2021 · 14 min read एलिमेंट :- ऑफिसर मारा गया! अध्याय प्रथम ११ दिसम्बर २०३८ हरिद्वार रूद्र :- इनकी मर्डर की फाइल तैयार करो जल्दी से जल्दी रिसो :- देखो ये बॉक्स…… यहाँ इन लाशो के पास हैं क्या हैं... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 620 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2021 · 5 min read पति के बिना जीवन कस्बे में पंडित दीनानाथ का प्रतिष्ठित परिवार था। जमीन जायदाद, दो बेटे ललित और अखिलेश एक बेटी उमा थी, तीनों पढ़ रहे थे इस बार उमा हायर सेकेंडरी में पढ़... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 315 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read माँ — फ़ातिमा एक अनाथ बच्ची ''सूरा—40 अल-मोमिन," पवित्र कुरआन को माथे से लगाते हुए उस्ताद अख़लाक़ ने कहा, 'शुरू नामे-अल्लाह से। जो बड़ा ही मेहरबान और निहायत ही रहम करने वाला है। यह पवित्र कुरआन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 36 1k Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read माँ टूटी खाट पर बैठी बुढ़िया चिल्लाए जा रही थी। “बेटा रामनाथ! बड़े जोर की प्यास लगी है…गला सूखा जा रहा है…बेटे! जरा पानी पिला दे।” रामनाथ यारों के साथ बैठा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 16 9 1k Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 4 min read दहेज़ आधी रात को बैगन के खेत में मचान पर सोये अकलू की नींद अचानक टूटी। कुछ जलने की गंध व सियारों का शोर सुनकर वह बुरी तरह सहम गया। खेत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 12 1k Share Diwakar Ray 1 Jul 2021 · 15 min read मानवता जिंदा है मानवता जिन्दा है --------------------------- रविकेश पढ़ने में जितना मेधावी था,उतना ही मेहनती और मिलनसार भी।सभी बच्चे उससे दोस्ती करना चाहते थे। सबके साथ घुल-मिल कर रहना उसका नैसर्गिक स्वभाव था।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 649 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jul 2021 · 4 min read अछूत जिस समाज में वो जन्मी थी , वो बहुत समय से मनुष्य की विष्टा उठाने का काम करता रहा था पर जैसा उसके घर के बुजुर्ग बताते थे , एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 77 4 523 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jul 2021 · 3 min read किडनैपिंग प्रकाश ने जब नजर उठाकर नेहा की ओर देखा , ' नेहा ने कुछ सकुचा , शरमा कर जमीन पर निगाहें टिका ली '। प्रकाश के साथ उसका रिश्ता एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 78 6 407 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 1 Jul 2021 · 9 min read बटेसर अजायबघर हेतु सृजित उस अद्भुत वाहन पर बैठते समय दिन के ठीक बारह बज रहे थे. जून का उत्तापयुक्त महीना था. सूर्य की किरणें आग विखेर रही थीं. पशु-पक्षी, सभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 9 810 Share जय लगन कुमार हैप्पी 1 Jul 2021 · 5 min read निमंत्रण वेटर की दरअसल स्नातक की पढ़ाई पूरी कर जब मैं अपने गांव बड़ा मोतीपुर लौटा। यह गांव पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिले के, बैरिया प्रखंड के, पखनाहा डुमरिया पंचायत में है। लौटा तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 7 730 Share Rahul Yadav 1 Jul 2021 · 4 min read रक्तदान और गगन सा कीर्तिमान। मौका दीजिये अपने खून को, किसी और की रगों में बहने का। ये एक लाजवाब तरीका है, कई जिस्मों में जिंदा रहने का। कहानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की नगरी झांसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 11 4k Share goutam shaw 1 Jul 2021 · 3 min read एक बार बोल क्यों नहीं आज भी विवेक वहीं रास्ता से बाजार से घर जाना पसंद करता है क्योंकि उस रास्ते में वह एक बार किसी का झलक पाना चाहता है । कहीं दिख जा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 12 828 Share Previous Page 7