(24) शराबी
शराब पीकर व्यक्ति,
खुद को सबसे महान मानता है।
वो सब से सही और,
बाकियो को बकवास जनता है।
पीकर आता है जब ,
वो दारू तो खुद को,
समझता है वो दुनिया,
का सबसे बड़ा जुगाड़ू।
सबको देता है वो गालियां,
नशे की धुन में।
उसकी बातें समझ से,
बाहर होती हैं।
सुबह उठते ही उसकी,
खतिया घर के बाहर मिलती है।
रात की सारी दादागिरी,
फिर सुबह उतरती है।
कभी पत्नी तो कभी बच्चे,
सब की खरी खोटी सुन नी पड़ती है।
जब शराबी की शराब,
उतरती है।
तभी तो उसको अपनी,
ओकाद पता चलती है।