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4 Jun 2023 · 1 min read

जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए(हिंदी गजल गीतिका)

जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए(हिंदी गजल गीतिका)
■■■■■■■■■■■■■■■■■◆
(1)
जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए
पूर्णता का चक्र घूमा, शून्य होने के लिए
(2)
पाप की गठरी सृजित कर, क्या करोगे बंधुओं
सॉंसे नहीं मिलती हैं केवल, बोझ ढोने के लिए
(3)
थक गई जब देह विचरण, विश्व में करते हुए
ओढ़ कर चल दी कफन, चुपचाप सोने के लिए
(4)
सिर्फ श्रम से सब सफलता, आदमी पाता रहा
भूमिका इसमें न जादू, और टोने के लिए
(5)
दूर तक विस्तृत गगन का, आदि और न अंत है
युद्ध उसमें भी छिड़ा है, एक कोने के लिए
————————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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