Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।

स्याह रात की चलनी से छन, वो भोर जगमगाती है,
कारवाओं में तन्हा भटके, तो मंजिल मिल हीं जाती है।
अंधकार की धुरी से, जो रौशनी हर पल टकराती है,
बिना डूबे उन अंधेरों में, हमें रौशनी भी कहाँ अपनाती है?
माटी की हर परत, एक पृथक इतिहास सुनाती है,
सभ्यताओं को नभ पर चमका, अंततः उसे भी माटी बनाती है।
छणभंगुरता की शाश्वता, जीवन क्या खूब समझाती है,
हम भविष्य की कल्पना में आज गवांते हैं, ये आज को अतीत बना तरसाती है।
आघातों की श्रृंखला, हमारे हृदय की कड़वाहट बढ़ाती है,
पर पीड़ा में लिपटकर हीं तो, व्यक्तित्व भी परिपक्वता को पाती है।
शीतल बयार तन को छुए तो, मन की शीतलता बढ़ाती है,
उत्पत्ति उसकी भी देख ज़रा, जो तूफानों का निष्कर्ष कहलाती है।
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं,
पर यथार्थ के अनुभवों की आधारशिला हीं, कल्पनाओं को पंख दे पाती हैं।

2 Likes · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
*Author प्रणय प्रभात*
-- लगन --
-- लगन --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कठपुतली की क्या औकात
कठपुतली की क्या औकात
Satish Srijan
रिश्तों के मायने
रिश्तों के मायने
Rajni kapoor
जंगल की होली
जंगल की होली
Dr Archana Gupta
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं (मुक्तक)*
*प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
गीतिका ******* आधार छंद - मंगलमाया
Alka Gupta
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
"सबसे बढ़कर"
Dr. Kishan tandon kranti
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हुनर पे शायरी
हुनर पे शायरी
Vijay kumar Pandey
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
विपत्ति आपके कमजोर होने का इंतजार करती है।
Paras Nath Jha
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
मन के ढलुवा पथ पर अनगिन
Rashmi Sanjay
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
"हास्य व्यंग्य"
Radhakishan R. Mundhra
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
बाल कविता: तोता
बाल कविता: तोता
Rajesh Kumar Arjun
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
प्रतिश्रुति
प्रतिश्रुति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिंसा
हिंसा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...