Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2023 · 1 min read

मुफ़्त

मुफ़्त गगन है
धरा मुफ़्त है
मुफ़्त नदी का पानी
मुफ़्त-मुफ़्त है
धूप सुनहरी
मुफ़्त किरन नूरानी

मनहर
जग महकाने वाले
मुफ़्त पुहुप बहुरंगी
चंदा की
चाँदनी मुफ़्त है
इन्द्रधनुष सतरंगी

नहीं माँगती
मूल्य साँस का
ठंडी हवा किसी से
भौंरे भी गुन-गुन
करते हैं
फ्री में हँसी-खुशी से

ईश्वर ने सब
दिया मुफ़्त में
फिर यह लूट किसलिए
मानव तू
पैसे लेता है
किस कारण कह छलिए?

नैसर्गिक सारी
चीजें हैं
सबके लिए बराबर
सबका हक है
सुन लोभी
जल, वायु, गगन, धरा पर

✍️ नंदन पंडित

94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Bodhisatva kastooriya
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
2946.*पूर्णिका*
2946.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
हमेशा भरा रहे खुशियों से मन
कवि दीपक बवेजा
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
I knew..
I knew..
Vandana maurya
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
DrLakshman Jha Parimal
"लिहाज"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तो जानो आयी है होली
तो जानो आयी है होली
Satish Srijan
यह ज़िंदगी है आपकी
यह ज़िंदगी है आपकी
Dr fauzia Naseem shad
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटियों ने
बेटियों ने
ruby kumari
Hum to har chuke hai tumko
Hum to har chuke hai tumko
Sakshi Tripathi
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
■ आप ही बताइए...
■ आप ही बताइए...
*Author प्रणय प्रभात*
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
gurudeenverma198
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
खूबसूरत जिंदगी में
खूबसूरत जिंदगी में
Harminder Kaur
"अस्थिरं जीवितं लोके अस्थिरे धनयौवने |
Mukul Koushik
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
Sarfaraz Ahmed Aasee
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
*भूमिका*
*भूमिका*
Ravi Prakash
Loading...