Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2023 · 1 min read

कुछ नशा होता तो बोतलें नाचती

कुछ नशा होता तो बोतलें नाचती
**************************

खो दिया होश देखी वो चुलबली,
सीने लगाई आग चंचल मनचली।

नैनों से है वो पिलाती मय सदा,
देखी नहीं उन सी कहीं मयकशी।

खाली खाली सा दिखे है मयकदा,
पीने लगे लहू मयकश है हर घड़ी।

कुछ नशा होता तो बोतलें नाचती,
क्यों पीने वाले नाचते पीकर धडी।

खूब उन से थी हमें तो हमनशीनी,
याद बहुत आने लगी वो हमनशीं।

ले हाथों मे हाथ उनका चल पड़े,
इस गली से उस गली कहीं कहीं।

अनुभूत है स्पर्श उनके हस्त का,
तनबदन की खुशबू थी सिर चढी।

ख्यालों में खोया मनसीरत सदा,
ख्वाबों मे आने लगी है बन झड़ी।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
The World at a Crossroad: Navigating the Shadows of Violence and Contemplated World War
Shyam Sundar Subramanian
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
जय लगन कुमार हैप्पी
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
Shweta Soni
आ रहे हैं बुद्ध
आ रहे हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
कारगिल दिवस पर
कारगिल दिवस पर
Harminder Kaur
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
तारों के मोती अम्बर में।
तारों के मोती अम्बर में।
Anil Mishra Prahari
2504.पूर्णिका
2504.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आसमान
आसमान
Dhirendra Singh
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
सालों बाद किसी ने
सालों बाद किसी ने
Sunanda Chaudhary
धोखा वफा की खाई है हमने
धोखा वफा की खाई है हमने
Ranjeet kumar patre
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
Srishty Bansal
गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
Acharya Rama Nand Mandal
बरबादी   का  जश्न  मनाऊं
बरबादी का जश्न मनाऊं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
योग
योग
जगदीश शर्मा सहज
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
Loading...