विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
बादल बरसे दो घड़ी, उमड़े भाव हजार।
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
मुद्दतों बाद खुद की बात अपने दिल से की है
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जीवन है पीड़ा, क्यों द्रवित हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
काली घनी अंधेरी रात में, चित्र ढूंढता हूं मैं।
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जन्म दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर