Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 2 min read

“सत्य अमर है”

सत्य सीधा है सरल है सुंदर है,
हम सत्य की विजय बताते हैं।
सत्य उन पुराने सिक्को की तरह है,
जिसकी परख जौहरी ही कर पाते हैं।

इस दुनियां वालों से जब जब सत्य कहा,
मेरे अपने ही अपने से कट जाते हैं।
लोग उपवास अन्न का करते हैं,
पर मन मे बुरे विचार और असत्य को घोलते है।

सत्य कड़वा जरूर होता है यारों,
एक बार पी कर देखो यारों।
जो मन मे जहर और मीठा शहद सा बोलते हैं,
उनसे बच के रहना दोस्तो ,वो खंजर ही भोकते हैं।

क्यो जी रहे हो असत्य की सिसकती सासों से,
एक दिन ऐसा आएगा ,जी नही पाओगे घुटती सासों से।
सत्य की राहों में खुद को निसार करके देखो,
मुसीबतों के इन पलों को सँवार के देखो।

सत्य सदा मौन रहता है, असत्य हरदम अड़ा रहता है,
सत्य पर असत्य का प्रहार बहुत पड़ता है।
फिर भी सत्य कभी नही डरता है,
आज झूठों की कालाबाजारी में।

लोग सत्य में असत्य का मिलावट करते हैं,
अपने ही स्वार्थ और लोभ में सच को झूट बताते हैं।
दोस्तो झूठ का व्यापार कितना भी बड़ा हो,
कितने ही साथी हो ,कितनी भी ताकत हो।

पर सत्य की ताकत से एक दिन पराजित हो जाओगे,
सत्य को जान लो ,सच को समझो हे! इंसान।
चंद सांसो की माया है ,क्यों करता हैं गुमान,
सांच को आंच नही सच गुमराह नही होता।

सच्चाई छुपती नही सत्य बेपरवाह नही होता,
सत्य परेशान होता है, पर हारता नही।
सत्य में श्रद्धा, प्रेम विश्वास डूबा है पर कोई जानता नही,
सत्य की खोज में निकलो तो ,गौतम बुद्ध को पाओगे।

सत्य का प्रचार करने निकलो,
तो विवेकानंद कहलाओगे।
मत नाता रखो झूठ से यारों,
हर सवाल अधूरा रह जायेगा।

असत्य की स्याही,से जीवन का पन्ना कोरा रह जायेगा,
उम्मीद की कलम ,गुनाहों में चल जाएगा।
मुख में मीठे बोल है हृदय कपट के भाव,
मानव में अब है नही ,सच सुनने का चाव।

न्यायालय में भी लग रहा,सच्चाई का बोल,
जैसा जैसा दाम है ,वैसे वैसे बोल।
सत्य की साथ चलो सत्य ही अमर है,
सत्य बादलों में छिपा सूरज की तरह है।

जीवन मृत्यु समय का चक्र और तथ्य है,
बस यही सत्य है, बस यही सत्य है।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव✍️
प्रयागराज।

3 Likes · 1 Comment · 44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
कवि सम्मेलन में जुटे, मच्छर पूरी रात (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
राष्ट्रभाषा
राष्ट्रभाषा
Prakash Chandra
मुस्कुराना सीख लिया !|
मुस्कुराना सीख लिया !|
पूर्वार्थ
समझ
समझ
Shyam Sundar Subramanian
अब किसपे श्रृंगार करूँ
अब किसपे श्रृंगार करूँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
गणतंत्र दिवस की बधाई।।
Rajni kapoor
आंखों की भाषा के आगे
आंखों की भाषा के आगे
Ragini Kumari
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
"पते की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
दुष्यन्त 'बाबा'
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
श्याम सिंह बिष्ट
2551.*पूर्णिका*
2551.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
Unki julfo ki ghata bhi  shadid takat rakhti h
Unki julfo ki ghata bhi shadid takat rakhti h
Sakshi Tripathi
मुख  से  निकली पहली भाषा हिन्दी है।
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
सत्य कुमार प्रेमी
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
आज फिर किसी की बातों ने बहकाया है मुझे,
Vishal babu (vishu)
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
Loading...