23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 कोनो हाँसे कोनो रोये🌷
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कोनो हाँसे कोनो रोये।
बीज मया के कोनो बोये ।।
लहकत साख झरोखा संगी।
जागत जागत मनखे सोये ।।
नाम कमावत काम सुघ्घर हे ।
सपना देखय अपना होये ।।
सबके हरदम दुख दूर करय ।
काला पाये काला खोये ।।
चारे दिन बस रहना खेदू।
मनके पापी सबला धोये ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-10-2023मंगलवार