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9 Sep 2023 · 1 min read

*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*

कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)
____________________________________
मिटे भेद सब ऊॅंच-नीच का, जागे भारत देश
कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश

सबको दो सद्बुद्धि न फैले, कहीं लोभ का राज
सब जन धारण करें मनुजता, धरें मानवी-वेश

शांति अहिंसा भाईचारा, प्रभु सबको सिखलाओ
अपनाने से प्रेम-भावना, रहते कभी न क्लेश

मित्र बनाऍं जग में सबको, सभी बंधु निज मानें
“वसुधा एक कुटुम्ब ” हृदय में, अपनाएँ संदेश

प्रथम पूज्य तुम इसीलिए हो, प्रखर बुद्धि कहलाते
माता और पिता को तुमने, माना सदा परेश
————————————-
परेश = परमात्मा
————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 411 Views
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