Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

2 _ लोग

2 _ लोग

बारिश या धूप कौन है बड़ा
बस तुलना करते जाते लोग ,
कमियों को गुनाह बना कर
जाने क्या बतियाते लोग …

साक्षी होकर भी हर दुख का
खामोश खड़े रह जाते लोग
सीता को भी कहाँ था बक्शा
मिटा न सदियों से ये रोग …

गुरूर बनी जिनकी तलवारें
सूई को भूल गये वो लोग
कुछ सीना कोई जोड लगाना
रहा न सूई का उपियोग …

प्रवृत्तियां कुछ ऐसे बदली
रहा नहीं प्रकृति से योग
रूठ जायेगी एक दिन पृथ्वी
करते रहे जो दुरूपयोग …

कोई थाम न ले उनकी ऊंगली
अपने हाथ कटवाते लोग
लिस्ट ज़मी से आसमान तक
जाने क्या क्या चाहते लोग …

कमियां ज़रूर रही होंगी
यूँ ही नहीं ठुकराते लोग ,
मन गंगा और प्यार समंदर
क्यूँ नहीं समझ पाते लोग …

– क्षमा ऊर्मिला

Language: Hindi
1 Like · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kshma Urmila
View all
You may also like:
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मानवता की चीखें
मानवता की चीखें
Shekhar Chandra Mitra
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
कौन किसी को बेवजह ,
कौन किसी को बेवजह ,
sushil sarna
गुरु बिन गति मिलती नहीं
गुरु बिन गति मिलती नहीं
अभिनव अदम्य
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
जीवात्मा
जीवात्मा
Mahendra singh kiroula
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
धूमिल होती पत्रकारिता
धूमिल होती पत्रकारिता
अरशद रसूल बदायूंनी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सृष्टि रचेता
सृष्टि रचेता
RAKESH RAKESH
!! बच्चों की होली !!
!! बच्चों की होली !!
Chunnu Lal Gupta
चुनाव
चुनाव
Mukesh Kumar Sonkar
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरे अल्फाज़
मेरे अल्फाज़
Dr fauzia Naseem shad
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
जिम्मेदारी और पिता (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
कथ्य-शिल्प में धार रख, शब्द-शब्द में मार।
कथ्य-शिल्प में धार रख, शब्द-शब्द में मार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
आपको दिल से हम दुआ देंगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
.....★.....
.....★.....
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
"सहारा"
Dr. Kishan tandon kranti
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...