Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2023 · 2 min read

चुनाव

चुनाव
आज बस्ती के चौराहे में बहुत चहल पहल थी, किसी न्यूज चैनल से शहर के कोई न्यूज रिपोर्टर आए थे, कैमरे के सामने हाथों में माइक पकड़े हुए वो वहां के लोगों से आगामी चुनाव के बारे में सवाल पूछ रहे थे।
रामप्रसाद जो अपने काम पर जाने को निकला था उसे रोकते हुए रिपोर्टर ने पूछा….एक मिनट जरा रुकिए क्या आप हमारे कुछ सवालों के जवाब देंगे, इस पर रामप्रसाद रुक गया और कैमरा ऑन कराके रिपोर्टर ने पूछा कि कुछ दिनों बाद चुनाव होने हैं तो इससे उन्हें क्या उम्मीदें हैं। रामप्रसाद बोला साहब उम्मीदें हमें क्या होंगी, हमारा तो जीवन वैसे ही गुजरना है रोज सुबह काम पर जाओ जी तोड़ मेहनत करके अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करो, ये चुनाव से उम्मीदें तो नेताओं को होंगी उनकी रोजी रोटी का सवाल जो है, ऐसा कहकर रामप्रसाद ने साइकिल उठाई और अपने काम पर जाने निकल गया।
सामने से आ रही एक औरत को देखकर रिपोर्टर ने कैमरामैन को फिर से तैयार रहने को कहा, फिर उन्होंने मैले कुचैले फटेहाल कपड़ों में लिपटी और गोद में एक मासूम बच्चे को संभाली हुई उस औरत को रोककर पूछा…… आपके क्षेत्र में चुनाव की घोषणा हुई है आप आने वाले चुनावों को किस नजरिए से देखती हैं। इस पर वो औरत बोल पड़ी….देखना क्या है साहब बस इन्तजार कर रहे हैं कि कब चुनाव नजदीक आए तो हमें भरपेट खाना मिले पहनने को नए कपड़े मिलें आखिर पांच साल में एक बार ही तो लोगों को हम गरीबों पर दया आती है। बाद में तो हमें कोई नहीं पूछता और हमें अपने हाल पर जीना ही होता है, कहते हुए वो आंखों में आंसू लिए अपने बच्चे को संभालती हुई अपनी झोपड़ी की ओर चल पड़ी।
अब रिपोर्टर ने गांव के चौराहे के चारों ओर नजरें दौड़ाई वहां बस्ती में उसे चारों ओर झुग्गी झोपड़ी, गरीबी, लाचारी और भुखमरी के जो दृश्य दिखे तो अब उसने वहां किसी से और कुछ पूछना उचित नहीं समझा और कैमरामैन को वापस चलने का इशारा किया।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़

1 Like · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*ढूंढ लूँगा सखी*
*ढूंढ लूँगा सखी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"पता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पनघट और पगडंडी
पनघट और पगडंडी
Punam Pande
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
सत्य कुमार प्रेमी
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
इक शाम दे दो. . . .
इक शाम दे दो. . . .
sushil sarna
वास्तविक मौज
वास्तविक मौज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
"वो कलाकार"
Dr Meenu Poonia
ख़याल
ख़याल
नन्दलाल सुथार "राही"
विश्वकप-2023 टॉप स्टोरी
विश्वकप-2023 टॉप स्टोरी
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
■ भाषा संस्कारों का दर्पण भी होती है श्रीमान!!
*Author प्रणय प्रभात*
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
रक्तिम- इतिहास
रक्तिम- इतिहास
शायर देव मेहरानियां
नज़्म - झरोखे से आवाज
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
2299.पूर्णिका
2299.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
*वरमाला वधु हाथ में, मन में अति उल्लास (कुंडलियां)*
Ravi Prakash
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
राम
राम
umesh mehra
पहला खत
पहला खत
Mamta Rani
दूर देदो पास मत दो
दूर देदो पास मत दो
Ajad Mandori
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
Dr. Man Mohan Krishna
वो हमें भी तो
वो हमें भी तो
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
मुस्कराओ तो फूलों की तरह
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...