हिफाजत मां बहन बेटी की, खुदा की इबादत होगी
हिफाजत मां बहन बेटी की, खुदा की इबादत होगी
हां,जन्नत ही तो है वो धरती, जहां उनकी इज्जत होगी
महीनों पेट में रखकर,लहू अपना पिला रहीं होंगी
कष्टों से तुझे पाकर,हर पल मुस्करा रहीं होंगी
जिंदगी की राहों में तुझे, हस्ती बना रहीं होंगी
खुद का कुर्बान कर जीवन, जीवन संवार रहीं होंगी
मुश्किलें जीवन में जब-जब, तुम पर रहीं होगीं
मां बहन बेटियां ही, आंचल बिछा रहीं होंगी
सदा सुखी रहे तू जीवन में,दे रहीं दुआएं होंगी
पग पग तेरे लिए अपनी, खुशियां लुटा रहीं होंगी
बनकर तेरी परणीता कोई, आशा जगा रही होगी
नहीं चाहिए कुछ भी उन्हें, ढेर एहसान के बदले
तुम्हारे दर्द को भी अपने, दिल में छुपा रहीं होंगी
इंसान कितना है खुदगर्ज, एहसान फरामोश
कैंसे महिलाओं की, दुनिया में हिफाजत होगी
समझ त्याग बलिदान उनका,न अत्याचार कर उन पर
हिफाजत मां बहन बेटी की, खुदा की इबादत होगी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी