Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

बिटिया विदा हो गई

नव-जीवन का साथ निभाने,
एक नया संसार बसाने,
दुनिया की यह रीत निभाने,
प्यारी बिटिया चली गई है ।।

खेल-खिलौने यहीं छोड़कर,
नए पंख- परिधान ओढ़कर,
बाबुल का उद्यान छोड़कर,
नन्ही चिड़िया चली गई है ।।

द्वार सजाकर रंग-रंगोली,
मेहंदी, हल्दी, चन्दन, रोली,
पहन आभूषण, लहंगा-चोली,
ओढ़ चुनरिया चली गई है ।।

जिद, बचपन सब यहीं भुलाकर,
सब परिजन को खूब रुलाकर,
घर का हर कोना सूना कर,
दूर की गलियां चली गई है ।।

शुभाशीष ताऊ, ताई की,
सब परिजन बहना, भाई की,
माँ – पापा की परछाई सी,
छोड़ उंगलिया चली गई है ।।

बोझ नहीं, तुम स्वाभिमान हो
इस मस्तक की तुम्हीं शान हो,
पर, घर के संस्कार ध्यान हों,
बेशक हमसे दूर गई है ।।

सदा खुश रहे, रहे प्यार से,
है आशीष इस परिवार से,
कहे ‘नवल’ सूनी दीवार से,
खुशी की पुड़िया चली गई है ।।

आखिर गुड़िया चली गई है ।।

✍️ – नवीन जोशी ‘नवल’

(स्वरचित)

Language: Hindi
31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नवीन जोशी 'नवल'
View all
You may also like:
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
याद आया मुझको बचपन मेरा....
याद आया मुझको बचपन मेरा....
Harminder Kaur
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
****उज्जवल रवि****
****उज्जवल रवि****
Kavita Chouhan
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
Harsh Nagar
हमने अपना भरम
हमने अपना भरम
Dr fauzia Naseem shad
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
शिक्षा
शिक्षा
Neeraj Agarwal
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
नारी के मन की पुकार
नारी के मन की पुकार
Anamika Tiwari 'annpurna '
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कवि रमेशराज
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
सब खो गए इधर-उधर अपनी तलाश में
Shweta Soni
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
Loading...