Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर….! ***

“” राहें पनघट की…
आसान हो सकती है…!
सैर पर्वतों की…
आसान हो सकती है…!
मगर ये सैर है…
चांद की ध्रुवीय सतह पर…,
इतना आसान नहीं, ये हो सकती है…!
ये जंग है…
असफलता में सफलता की…!
विज्ञान की विपन्नता में…
वैचारिक संपन्नता की…!
ये वादा है…
हौसले की जकड़ की…!
वैज्ञानिक विश्लेषण और…
अटूट इरादों के पकड़ की…!
हमने भी ठाना है…
मुश्किल से मुश्किल डगर, तय करना है…!

अब ” चंद्रयान -३ ” से…
आसमान की सैर करना है…!
और….
चांद की दक्षिणी ध्रुव पर , पैर रखना है…!
अपनी मंजिल की रास्ता…
कब तक, दूसरों से पूछेंगे…?
वो राष्ट्र कुटिल इरादों के गुमराह से…
कब तक यूं ही भटकते रहेंगे…?
अपनी अहमियत को अब…
हमने पहिचान लिया है…!
वैज्ञानिक क्षमता, आंकलन…
और परिकलन से…,
धरती-चांद की दूरी का…
सटीक अनुमान लगाया है…!
उम्मीदों की उड़ान…
हौसले की पहिचान…!
” मार्क-३, चंद्रयान-३ ” के सहारे…
चांद पर एक आशियाना बनाना है…!
” मानव हितकर ” हो विज्ञान शक्ति…
ऐसे नित नए अनुप्रयोग कर जाना है…!! “”

**************∆∆∆************

Language: Hindi
83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
Don't bask in your success
Don't bask in your success
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3294.*पूर्णिका*
3294.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
प्रेम की बंसी बजे
प्रेम की बंसी बजे
DrLakshman Jha Parimal
आ गए चुनाव
आ गए चुनाव
Sandeep Pande
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"ये कविता ही है"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
Harminder Kaur
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
*असुर या देवता है व्यक्ति, बतलाती सदा बोली (मुक्तक)*
*असुर या देवता है व्यक्ति, बतलाती सदा बोली (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
परिसर खेल का हो या दिल का,
परिसर खेल का हो या दिल का,
पूर्वार्थ
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
💐प्रेम कौतुक-255💐
💐प्रेम कौतुक-255💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तथागत प्रीत तुम्हारी है
तथागत प्रीत तुम्हारी है
Buddha Prakash
भीड़ के साथ
भीड़ के साथ
Paras Nath Jha
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
Vijay Nayak
सियासत
सियासत
Anoop Kumar Mayank
Loading...