Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2020 · 1 min read

“हम तो सृजन के राही”

टटोलिए हमारी जेबों को ,
हमें आनंद आएगा।
अफसोस पर आपको,
रुपयों का बंडल नहीं मिल पाएगा ।
हम तो सृजन के राही हैं जनाब,
जेबों में हमारी सुविचारों का,
साहित्य नजर आएगा।।
पढ़ सको तो पढ़ लेना,
मन करे अंतस में उतार लेना।
बीतेगा जीवन सुकून से ,
जीने का आनंद आएगा ।।
असमंजस में न रहना,
मुझसे लिया औरों को देना ।
जन जन का पथ तो यारों,
फिर उसी और जाएगा।।
धन कमाओ नाम कमाओ,
कहां मना है।
पर समझो आखिर यह जीवन,
क्यों बना है।
“अनुनय” ने तो सृजन राह चुनी,
जीवन भर अपनाएगा ।।
राजेश व्यास अनुनय

3 Likes · 2 Comments · 475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
■ कटाक्ष
■ कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
Anil chobisa
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
Er. Sanjay Shrivastava
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
The story of the two boy
The story of the two boy
DARK EVIL
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr Shweta sood
💐 Prodigy Love-9💐
💐 Prodigy Love-9💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एहसासों से भरे पल
एहसासों से भरे पल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझे याद आता है मेरा गांव
मुझे याद आता है मेरा गांव
Adarsh Awasthi
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
किस पथ पर उसको जाना था
किस पथ पर उसको जाना था
Mamta Rani
"पतझड़"
Dr. Kishan tandon kranti
सच तो रंग होते हैं।
सच तो रंग होते हैं।
Neeraj Agarwal
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा  तेईस
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*कंचन काया की कब दावत होगी*
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धीरे धीरे बदल रहा
धीरे धीरे बदल रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2574.पूर्णिका
2574.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
होली
होली
Dr Archana Gupta
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
Subhash Singhai
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते रहेंगे ! आप सुने ना सुन
आप इसे पढ़ें या न पढ़ें हम तो बस लिखते रहेंगे ! आप सुने ना सुन
DrLakshman Jha Parimal
बड़ी मछली सड़ी मछली
बड़ी मछली सड़ी मछली
Dr MusafiR BaithA
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
परेशां सोच से
परेशां सोच से
Dr fauzia Naseem shad
Loading...