“शिक्षा”
“शिक्षा”
जिस चीज का ज्ञान हों, उसकी परवाह मत कीजिए। यदि आप पिछड़ चुके हैं, तो भी कव्हर कर लेंगे। जिसे आप नहीं जानते, उसे हर हाल में सीखिए। लेकिन जो सिखाएँ, उनकी बराबरी का दावा मत कीजिए। क्योंकि जो सिखाता और बढ़ाता है, वो गुरु है… और गुरु में परम शक्ति विद्यमान होती है।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, साहित्य वाचस्पति।