Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2020 · 3 min read

शिक्षा एवं हमारे पर्यावरण पर सुचना एवं संचार प्रौधोगिकी का प्रभाव

इस तकनिकी शिक्षा के युग में इन्सान को इस तरह से गढ़ा जाए की उसमे नैतिकता, मानवता, और इंसानियत का विकास हो जो वर्त्तमान समय में हाशिएँ पर आता हुआ प्रतीत हुआ जा रहा है | आर्थिक विकास भी ऐसा हो जो व्यक्ति, समाज, देश के हित में हो | जिससे इंसान की सोच में परिवर्तन हो राष्ट्रप्रेम की भावना जाग्रत हो | तकनिकी शिक्षा नि:संदेह एक देश की मानव पूंजी के निर्माण में किए जाने वाले सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण निवेशों में से एक ऐसा माध्‍यम है जो न केवल अच्‍छे साक्षर नागरिकों को गढ़ता है बल्कि एक राष्‍ट्र को तकनीकी रूप से नवाचारी भी बनाता है और इस प्रकार आर्थिक वृद्धि की दिशा में भी मार्ग प्रशस्‍त करता है। हाल के वर्षों में इस बात में काफी रुचि रही है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को शिक्षा के क्षेत्र में कैसे उपयोग किया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण योगदानों में से एक है अभिगम्‍यता पर आसान पहुंच संसाधन । सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की सहायता से छात्र अब ई-पुस्‍तकें, यू-ट्यूब द्वारा कक्षाओ के लेक्चर्स, परीक्षा के नमूने वाले प्रश्‍न पत्र, पिछले वर्षों के प्रश्‍न पत्र आदि देखने के साथ मेंटोर, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, व्‍यावसायिकों और साथियों से दुनिया के किसी भी कोने पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं । तात्पर्य कि शिक्षा प्रणाली में सुचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की क्रांति होने से युवाओ में तकनिकी विचारो का समावेश हो रहा है और उनमे सर्वांगीण विकास की प्रकृति भी दृष्टिगत होती आ रही है | लेकिन इस प्रकार की शिक्षा केवल हमें बड़े-बड़े महानगरो व शहरो में ही संचालित हो रहे है फलस्वरूप इससे केवल इन्ही वर्गों के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे है | अतः इस प्रकार की तकनिकी शिक्षा सुदूर ग्रामीण अंचलो, जहाँ के निर्धन वर्गों के विद्यार्थी जो इस प्रकार के ज्ञानार्जन हेतु अक्षम है उन तक भी इस प्रकार की शिक्षा को प्रसारित करना चाहिए तथा उनके शिक्षको को भी तकनिकी शिक्षा के लिए उचित प्रशिक्षण देना चाहिए | जिससे शहरी विद्यार्थी तथा ग्रामीण विद्यार्थी के मध्य बौधिक स्तर में कोई अंतर न हो |

सुचना एवं संचार प्रोद्योगिकी का शिक्षा में प्रभाव के पश्च्चात अब मैं बताना चाहूँगा कि आज पर्यावरण की दशा इतनी दयनीय हो चुकी है कि प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है । क्योकि हमें ये ज्ञात होना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ो के अनुसार साल 2018 में करीब 4857 सेटेलाइट्स आकाश (अंतरिक्ष) में थे | इनमे से करीब 2,600 अब कार्यरत भी नही है इसके फलस्वरूप वहां आकाशीय कचरा निर्मित हो रहा है | आंकड़ो के अनुसार इस समय करीब 7500 टुकड़े अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे है | समय के साथ ये नीचे भी आयेंगे और पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश के दौरान अत्यधिक तापमान व घर्षण से नष्ट भी हो जाएगे | परन्तु वह दिन दूर नही जब हमें अंतरिक्ष में भी प्रदुषण की समस्या से जूझना पड़ेगा | वही दूसरी तरफ सूचना और तकनीक के माध्यम से सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है | वर्तमान में संसार के सभी क्षेत्र में विकास एवं उन्नति संभव हो पाई है। सूचना तकनीक को समाज के विकास का मूल स्रोत कहा जा सकता है। वर्तमान में शिक्षा, विज्ञान, चिकित्सा, पर्यावरण के प्रति परिवहन, संचार आदि सभी क्षेत्रों में सूचना तकनीक का विकास हो रहा है। सूचना तकनीक पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण के प्रति जागरूकता में भी अहम भूमिका निभा रही है। इसलिए आज के समाज को तकनिकी समाज कहा जाना उचित होगा । यदि किसी प्रकार सूचना तकनीक के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं पर्यावरण शिक्षा का विकास होता रहा तो हम पर्यावरण, जो मानव जीवन का आधार है, को संरक्षित कर आने वाली पीढ़ियों को इसके लाभ एवं महत्व से अवगत करा सकते हैं ।

Keywords – शिक्षा कैसी हो, शिक्षा और मानवीय मूल्य, सुचना व संचार प्रौद्योगिकी का शिक्षा में अहम भूमिका, वर्त्तमान में हमारे अंतरिक्ष की दशा, समाज का तकनिकी में निर्भरता |

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आस का दीपक
आस का दीपक
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
बहन भी अधिकारिणी।
बहन भी अधिकारिणी।
Priya princess panwar
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
जाना है
जाना है
Dr.Pratibha Prakash
■आप देखेंगे जल्द■
■आप देखेंगे जल्द■
*प्रणय प्रभात*
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
Ravi Prakash
पर्यावरण
पर्यावरण
Dinesh Kumar Gangwar
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
Savitri Dhayal
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
चाहत
चाहत
ललकार भारद्वाज
चाय
चाय
अंकित आजाद गुप्ता
बेफ़िक्री का दौर
बेफ़िक्री का दौर
करन ''केसरा''
कुंभ में मोनालिसा
कुंभ में मोनालिसा
Surinder blackpen
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
हम भी होशियार थे जनाब
हम भी होशियार थे जनाब
Iamalpu9492
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नूरफातिमा खातून नूरी
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
आर.एस. 'प्रीतम'
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
चेतन वार्तालाप
चेतन वार्तालाप
Jyoti Pathak
आदमी आदमी के रोआ दे
आदमी आदमी के रोआ दे
आकाश महेशपुरी
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
"परमार्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
Loading...