अंतरिक्ष में आनन्द है
शशि के पटल पर चल रहा
‘प्रज्ञान’ मंद-मंद है।
ध्रुव दक्षिणी पर ढूंढता
क्या क्या छिपाया चन्द है।
आह्लाद है प्रमोद है
मधुमास का मकरन्द है।
धरा पर पर्व मन रहा
अंतरिक्ष में आनन्द है।
शशि के पटल पर चल रहा
‘प्रज्ञान’ मंद-मंद है।
ध्रुव दक्षिणी पर ढूंढता
क्या क्या छिपाया चन्द है।
आह्लाद है प्रमोद है
मधुमास का मकरन्द है।
धरा पर पर्व मन रहा
अंतरिक्ष में आनन्द है।