” शब्द “
” शब्द ”
शब्द किसी की पीर बन गए,
किसी जीस्त की तस्वीर बन गए।
कभी किसी जख्म का मरहम बना,
किसी के लिए चुभते तीर बन गए।
” शब्द ”
शब्द किसी की पीर बन गए,
किसी जीस्त की तस्वीर बन गए।
कभी किसी जख्म का मरहम बना,
किसी के लिए चुभते तीर बन गए।