Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2024 · 1 min read

लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ

मैंने अब तक क्या लिखा है ?
क्यों लिखा है और कैसे लिखा है ?
किसके बारे में किसलिए लिखा है ?
यह मैं इतना नहीं बता सकता।
और मैं यह कह भी नहीं सकता,
कि मुझको क्या सोचना है ?
या फिर लेना है मुझको पूर्ण विराम,
सोचने और लिखने के काम से।

लेकिन इसका जवाब भी नहीं दे सकता,
क्योंकि मुझको याद नहीं है,
कि मैंने अब तक क्या लिखा है ?
हाँ, मैं जरूर कह सकता हूँ ,
कि मैंने बहुत कुछ लिखा है,
क्योंकि आदमी की सोच,
कभी नहीं सोती है।

नींद में करता रहता है,
इंसान तरह तरह के विचार- कल्पनायें,
जिन्हें हम सपनें में कहते हैं,
दिन की तो बात और ही है,
हर कोई बहुत सोचता है मेरी तरह,
जिनसे वह परिचित या अपरिचित है,
लिखता है हर कोई अपने विचार,
वह लिखता है या नहीं मेरे बारे में,
लेकिन मैं तो जरुर लिखता हूँ।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" दिल की समझ "
Yogendra Chaturwedi
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
Ajit Kumar "Karn"
जब तक साँसें देह में,
जब तक साँसें देह में,
sushil sarna
सन्मति औ विवेक का कोष
सन्मति औ विवेक का कोष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
समय के झूले पर
समय के झूले पर
पूर्वार्थ
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
भरत नाम अधिकृत भारत !
भरत नाम अधिकृत भारत !
Neelam Sharma
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय प्रभात*
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
Rj Anand Prajapati
🫴झन जाबे🫴
🫴झन जाबे🫴
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
Shweta Soni
पतंग*
पतंग*
Madhu Shah
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जब आपका ध्यान अपने लक्ष्य से हट जाता है,तब नहीं चाहते हुए भी
जब आपका ध्यान अपने लक्ष्य से हट जाता है,तब नहीं चाहते हुए भी
Paras Nath Jha
* बताएं किस तरह तुमको *
* बताएं किस तरह तुमको *
surenderpal vaidya
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
फिर क्यूँ मुझे?
फिर क्यूँ मुझे?
Pratibha Pandey
श्री गणेश
श्री गणेश
विशाल शुक्ल
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
सफलता का सोपान
सफलता का सोपान
Sandeep Pande
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
भव- बन्धन
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
Loading...