लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
मैंने अब तक क्या लिखा है ?
क्यों लिखा है और कैसे लिखा है ?
किसके बारे में किसलिए लिखा है ?
यह मैं इतना नहीं बता सकता।
और मैं यह कह भी नहीं सकता,
कि मुझको क्या सोचना है ?
या फिर लेना है मुझको पूर्ण विराम,
सोचने और लिखने के काम से।
लेकिन इसका जवाब भी नहीं दे सकता,
क्योंकि मुझको याद नहीं है,
कि मैंने अब तक क्या लिखा है ?
हाँ, मैं जरूर कह सकता हूँ ,
कि मैंने बहुत कुछ लिखा है,
क्योंकि आदमी की सोच,
कभी नहीं सोती है।
नींद में करता रहता है,
इंसान तरह तरह के विचार- कल्पनायें,
जिन्हें हम सपनें में कहते हैं,
दिन की तो बात और ही है,
हर कोई बहुत सोचता है मेरी तरह,
जिनसे वह परिचित या अपरिचित है,
लिखता है हर कोई अपने विचार,
वह लिखता है या नहीं मेरे बारे में,
लेकिन मैं तो जरुर लिखता हूँ।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)