Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

कर लो कभी

कर लो कभी
ख्बाबों का भी मुआयना,
जहां मिलता है
एहसास का सुनहरा आईना।
सुनील माहेश्वरी

2 Likes · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4169.💐 *पूर्णिका* 💐
4169.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सौदेबाजी रह गई,
सौदेबाजी रह गई,
sushil sarna
ऑफ्टर रिटायरमेंट
ऑफ्टर रिटायरमेंट
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
A Picture Taken Long Ago!
A Picture Taken Long Ago!
R. H. SRIDEVI
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
*बादल छाये नभ में काले*
*बादल छाये नभ में काले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
भरत कुमार सोलंकी
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
रुबाइयों में बहता इश्क है मेरा दिल में बहता
रुबाइयों में बहता इश्क है मेरा दिल में बहता
Babiya khatoon
सचेतन संघर्ष
सचेतन संघर्ष
अमित कुमार
World tobacco prohibition day
World tobacco prohibition day
Tushar Jagawat
- परिवार आज कल टूट रहा -
- परिवार आज कल टूट रहा -
bharat gehlot
अब भी कहता हूँ
अब भी कहता हूँ
Dr. Kishan tandon kranti
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
TAMANNA BILASPURI
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
Priya Maithil
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
DrLakshman Jha Parimal
“कभी कभी ऐसा होता है….
“कभी कभी ऐसा होता है….
Neeraj kumar Soni
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
दीपक बवेजा सरल
महाकुंभ के त्रिवेणी महासंगम मंथन से निकली चीजें...!
महाकुंभ के त्रिवेणी महासंगम मंथन से निकली चीजें...!
SPK Sachin Lodhi
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Meera Thakur
मौत का पैग़ाम होकर रह गई,
मौत का पैग़ाम होकर रह गई,
पंकज परिंदा
Just do it
Just do it
Deepali Kalra
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
अर्चना मुकेश मेहता
मन का आँगन
मन का आँगन
Mamta Rani
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कविता
कविता
Rambali Mishra
Loading...