“लक्ष्य”
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/49e50a7b9517a8cb99f13c9af0b1c974_c037c08d85243c93a50fcc67697cccc3_600.jpg)
“लक्ष्य”
सफलता एक अनवरत यात्रा है। एक लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद दूसरा तय करें, फिर तीसरा और यह क्रम चलता रहे। लक्ष्य कभी समाप्त नहीं होता। यह याद रखें कि लक्ष्य को समाप्त मान लेने से जीवन में ठहराव की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
“लक्ष्य”
सफलता एक अनवरत यात्रा है। एक लक्ष्य हासिल कर लेने के बाद दूसरा तय करें, फिर तीसरा और यह क्रम चलता रहे। लक्ष्य कभी समाप्त नहीं होता। यह याद रखें कि लक्ष्य को समाप्त मान लेने से जीवन में ठहराव की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।