Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी-14

खुलना जब सोच समझकर आता है
तो समझो
खोलना कलाकारी नहीं
तिज़ारत बन जाता है!

Language: Hindi
58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
*न्याय-व्यवस्था : आठ दोहे*
Ravi Prakash
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
तोल मोल के बोलो वचन ,
तोल मोल के बोलो वचन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
"ई-रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
Ritu Asooja
ऋतु परिवर्तन
ऋतु परिवर्तन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
*बीमारी न छुपाओ*
*बीमारी न छुपाओ*
Dushyant Kumar
Loading...