Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 1 min read

चंद अशआर -ग़ज़ल

🌺 चंद अशआर 🌺

ग़मों की अब ये निशानी लगती है ।
मुझे तो हिज्र की कहानी लगती है ।।

नफ़ासत से..दिल को तोड़ देने की ।
रस्म तो मुझको… पुरानी लगती है ।।

यूँ तो हर मौसम है इश्क़ का लेकिन ।
साथ उनके हर रुत सुहानी लगती है ।।

नफ़रत उनकी भी प्यार से क़ुबूल है ।
उनसे जिंदगी में आसानी लगती है ।।

©डॉ वासिफ़ काज़ी, इंदौर
©काज़ी की कलम

28/3/2, अहिल्या पल्टन, इंदौर, मध्यप्रदेश

140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
Kitna mushkil hota hai jab safar me koi sath nhi hota.
Kitna mushkil hota hai jab safar me koi sath nhi hota.
Sakshi Tripathi
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
"ङ से मत लेना पङ्गा"
Dr. Kishan tandon kranti
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
Suryakant Dwivedi
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
सुंदरता के मायने
सुंदरता के मायने
Surya Barman
2298.पूर्णिका
2298.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🙅क्षणिका🙅
🙅क्षणिका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
कवि रमेशराज
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
झुकाव कर के देखो ।
झुकाव कर के देखो ।
Buddha Prakash
अलाव
अलाव
गुप्तरत्न
निराशा एक आशा
निराशा एक आशा
डॉ. शिव लहरी
यूं ही कुछ लिख दिया था।
यूं ही कुछ लिख दिया था।
Taj Mohammad
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रास्तों पर चलने वालों को ही,
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
रिश्तों को निभा
रिश्तों को निभा
Dr fauzia Naseem shad
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
Vaishaligoel
Loading...