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22 Oct 2024 · 1 min read

“मुफलिसी”

“मुफलिसी”

मुफलिसी का नाच बड़े अजब
किसी को रास न आता है,
पहुँच जाती अगर किसी दर पे
तो कौन भला उसे भाता है।

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