माँ
सब उपमाओं से परे
तेरी सूरत है
सब उपमाओं से परे
तेरा मृदुल व्यवहार
चाहे अंधेरे का महासागर
फैला हो तेरे जीवन में
पर न जाने कहाँ से
उम्मीद की किरण
तू ले आती है
चाहे दुविधाओं का आकाश
फैला हो तेरे सिर पर
पर न जाने कहाँ से
तू आकर ढक लेती है
अपने आँचल से
माँ
तेरा आँचल
मैला आँचल
नैना तेरे रहते सजल
तेरा जीवन दुःख भरे बदरा
पर संतान पर सुख बरसाती
भूखी रहकर हमें खिलाती
बस तेरी यादें मेरी थाती।
-राही