अपनों की चिंता करते करते,
अपनों की चिंता करते करते,
खुद को ही हम भूल गए।
फरमाइशें फिर भी पूरी न हुई,
सांस लेना भी हम भूल गए।
क्या गिला करें सांवरे तुझसे,
तूने तो दिया मुझको बहुत।
सूद खोर इस दुनिया में,
अपने ही सब वसूल गए।
श्याम सांवरा…
अपनों की चिंता करते करते,
खुद को ही हम भूल गए।
फरमाइशें फिर भी पूरी न हुई,
सांस लेना भी हम भूल गए।
क्या गिला करें सांवरे तुझसे,
तूने तो दिया मुझको बहुत।
सूद खोर इस दुनिया में,
अपने ही सब वसूल गए।
श्याम सांवरा…