Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

मकर संक्रांति

देशों में देश हिन्दुस्तान, रंग बिरंगे त्योहारों की भरमार,
हर एक उत्सव है खास, लिए एक संदेश हर बार।
एक त्योहार – नाम अनेक, मनाता सारा भारतवर्ष,
माघ महीना, फसल कटाई, फैला चारों ओर हर्ष।
आधा हिन्दुस्तान मनाता संक्रांति, आसाम में बिहू,
गुजरात में उत्तरायन, माघी संक्रांड मनाए जम्मू।
उत्तराखण्ड बोले इसे घुघूटी, बिहार दही- चूरा,
पंजाब में एक दिन पहले मने लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल।
फसल पकने से जुड़े ये त्योहार, समय एक और प्रकार अनेक।
मेहनत के परिणाम की खुशी का उत्सव,
सो बातों की एक बात, है ये शस्योत्सव।
पतंगबाजी का यह उत्सव, दर्शाता आसमान छूने की तमन्ना,
खिचड़ी, दान-पुण्य की कायम करता यह परम्परा।
जनवरी 14-15 तरीख, है हमारी एकता का प्रतीक,
विभिन्न प्रांतों में नाम अलग, पर उत्साह में नहीं कोई लकीर।
भाँति-भाँति के रंग, दिखें एक ही संग,
पूरे देश में मने त्योहार, हर्षोल्लास के संग।
सब स्त्रियाँ करें साजो-शृंगार, गाएँ गीत मल्हार,
घर-घर में होता जश्न का माहौल, और बनते स्वादिष्ट पकवान।
ऐसा है देश हिन्दुस्तान, रंग बिरंगे त्योहारों के साथ,
आता है एकता – भाईचारे का संदेश और सदभाव।

Language: Hindi
1 Like · 110 Views
Books from Savitri Dhayal
View all

You may also like these posts

4050.💐 *पूर्णिका* 💐
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*हरेली तिहार मनाबो जी*
*हरेली तिहार मनाबो जी*
Dushyant Kumar Patel
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
पीले पात
पीले पात
आशा शैली
गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन?
गरबा नृत्य का सांस्कृतिक अवमुल्यन :जिम्मेवार कौन?
मनोज कर्ण
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
२९०८/२०२३
२९०८/२०२३
कार्तिक नितिन शर्मा
बाबुल
बाबुल
Neeraj Agarwal
"उन्हें भी हक़ है जीने का"
Dr. Kishan tandon kranti
पत्थर
पत्थर
Arun Prasad
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
Rj Anand Prajapati
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ऐसे कैसे हिन्दू हैं
ललकार भारद्वाज
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
Sonam Puneet Dubey
है हुस्न का सौदागर...
है हुस्न का सौदागर...
आकाश महेशपुरी
निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है,
डी. के. निवातिया
सपनों को सजाना क्या
सपनों को सजाना क्या
अमित कुमार
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
*कर्म बंधन से मुक्ति बोध*
Shashi kala vyas
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
एक दीया जलाया मैंने
एक दीया जलाया मैंने
Dheerja Sharma
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
*जीवन का सार यही जानो, कल एक अधूरा सपना है (राधेश्यामी छंद )
*जीवन का सार यही जानो, कल एक अधूरा सपना है (राधेश्यामी छंद )
Ravi Prakash
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
उधड़ता दिखते ही तुरंत सिलवा लीजिए। फिर चाहे वो जूता हो, कपड़ा
उधड़ता दिखते ही तुरंत सिलवा लीजिए। फिर चाहे वो जूता हो, कपड़ा
*प्रणय*
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
पूर्वार्थ
कितना अच्छा था बचपन
कितना अच्छा था बचपन
shabina. Naaz
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
gurudeenverma198
Loading...