Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2023 · 1 min read

२९०८/२०२३

२९०८/२०२३
भूल कर अगर भूल भी हो जाये तो मेरे द्वारा कि गयी भूल भी अच्छी है।
क्योंकि मेरे जले हुये जख्म ताजा न हो जायें इसलिये ये भूल भी अच्छी है।
जानकर भी अंजान बनना है तो हर भूल भी अच्छी है।
समय के साथ की गयी गलतीयों को भूल कर भूल करना तो ये भूल भी अच्छी है।
सत्य बात न बोल कर अगर झूंठ बोलने में किसी दूसरे का भला हो तो झूठ बोलकर भी की गयी भूल भी अच्छी है।
कार्तिक नितिन शर्मा

91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
पेड़
पेड़
Kanchan Khanna
*कविवर रमेश कुमार जैन की ताजा कविता को सुनने का सुख*
*कविवर रमेश कुमार जैन की ताजा कविता को सुनने का सुख*
Ravi Prakash
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
मेरे खतों को अगर,तुम भी पढ़ लेते
gurudeenverma198
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"सियासत बाज"
Dr. Kishan tandon kranti
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
2942.*पूर्णिका*
2942.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
ruby kumari
सृष्टि की उत्पत्ति
सृष्टि की उत्पत्ति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
Buddha Prakash
आदिवासी
आदिवासी
Shekhar Chandra Mitra
भारत माता के सच्चे सपूत
भारत माता के सच्चे सपूत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रीति
प्रीति
Mahesh Tiwari 'Ayan'
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन का हर एक खट्टा मीठा अनुभव एक नई उपयोगी सीख देता है।इसील
जीवन का हर एक खट्टा मीठा अनुभव एक नई उपयोगी सीख देता है।इसील
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
कोई पढ़ ले न चेहरे की शिकन
Shweta Soni
It is not necessary to be beautiful for beauty,
It is not necessary to be beautiful for beauty,
Sakshi Tripathi
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
गीतिका
गीतिका "बचाने कौन आएगा"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
यात्राएं करो और किसी को मत बताओ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...