Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

स्त्री

अपने सपनों में से
अपनों के सपनों को बीन-बीन कर निकालती है।
स्त्री कुछ ऐसी ही रची गयी
जिन पे छत टिकी, उन दीवारों को संभालती है।

कहाँ गिने हैं दिन अपनी उम्र के उसने
मशगूल गिनने में है वो मुस्कान तुम्हारी।
फर्श पर चलते-चलते ही नाप ली है धरती
तुम्हें पकाने में रही शबरी कच्ची बन नारी।

तुम फेंक आना अपने गर्व को
जब जाओ उसके पास।
पैरों पे तुम्हें खड़ा करने को
वो इतनी ऊंची, आसमानों को भी खंगालती है।

उघाड़े बचपन ने भी तो शाहों के मुकुट ने भी
लिया है आश्रय उसी के दूध भरे वक्षों में।
पायी है जितनी निश्चिंतता गोद में उसकी
कहाँ था आराम उतना स्वर्ण-हीरे के कक्षों में?

ईश्वर से निकला था ईश्वर
योग-यज्ञ सम्पूर्ण हुआ।
होके सृजित हर युग में,
करती सृजन समझा जिसे मधुमालती है।

Language: Hindi
33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गाँव का दृश्य (गीत)
गाँव का दृश्य (गीत)
प्रीतम श्रावस्तवी
रिश्तों का एहसास
रिश्तों का एहसास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
//खलती तेरी जुदाई//
//खलती तेरी जुदाई//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐प्रेम कौतुक-499💐
💐प्रेम कौतुक-499💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिल से दिल तो टकराया कर
दिल से दिल तो टकराया कर
Ram Krishan Rastogi
??????...
??????...
शेखर सिंह
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
किस्मत की लकीरें
किस्मत की लकीरें
Dr Parveen Thakur
इशारा दोस्ती का
इशारा दोस्ती का
Sandeep Pande
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम भारत के लोग उड़ाते
हम भारत के लोग उड़ाते
Satish Srijan
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
Sanjay ' शून्य'
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
जय लगन कुमार हैप्पी
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
5 हाइकु
5 हाइकु
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
चंद सिक्के उम्मीदों के डाल गुल्लक में
चंद सिक्के उम्मीदों के डाल गुल्लक में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"दहेज"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
DrLakshman Jha Parimal
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
Loading...