Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 2 min read

“उन्हें भी हक़ है जीने का”

‘उन्हें भी हक़ है जीने का’ : जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ पेड़ों की, जो वर्षा कराने, तापमान को नियंत्रित रखने, मिट्टी के कटाव को रोकने तथा जैव विविधता का पोषण करने में अत्यन्त सहायक है। ये पेड़ ही है जो हमें प्राण-वायु ‘ऑक्सीजन’ देते हैं। इसके अलावा 1 वयस्क पेड़ एक वर्ष में वातावरण से लगभग 48 पौंड से अधिक कार्बन डाई-ऑक्साइड (CO2) अवशोषित कर लेता है। इससे वातावरण शुद्ध होता है।

कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति ने 1 पेड़ की औसत कीमत ₹ 74,500 बताई थी। इसमें ऑक्सीजन उत्पन्न करने की लागत और समस्त पारिस्थितिक लाभों को जोड़ा गया था। पेड़-पौधों का संरक्षण पृथ्वी की खुशहाली के लिए भी जरूरी है, जो मानव सहित सभी प्राणधारियों के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।

बुजुर्गों की तरह पेड़ों को पेंशन दिया जा सकता है। इससे उनकी जीवन प्रत्याशा बढ़ेगी तथा ऑक्सीजन एवं अन्य उपादान देने की क्षमता का विस्तार होगा।

ज्ञात हुआ है कि हरियाणा सरकार 75 वर्ष से अधिक आयु के पेड़ों को पेंशन देने जा रही है। यह विश्व में अपनी तरह की प्रथम योजना होगी। इसमें 40 प्रजातियों के पेड़ों को शामिल किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से पीपल, बरगद, नीम, आम, गूलर और कदम्ब जैसे वृक्ष शामिल हैं। प्रत्येक पेड़ के मान से दी जाने वाली निश्चित राशि पेड़ों के संरक्षण करने वाले लोगों के खाते में जमा की जाएगी।

मुझे ऐसा लगता है कि पेड़ से अच्छा कुछ भी नहीं। हम यही कहेंगे कि :
और कोई चाह न हमको
बस रब दे ये सौगात रे,
अगले जनम मोहे मिले
बस तरुवर की जात रे।
फूल महकाए जग को सारे
फल भगाए भूख रे,
छाया मिले उन सबको मेरी
जिसे जलाए धूप रे,
बादलों को खींच-खींच कर
लाऊँ मैं बरसात रे,
अगले जनम मोहे मिले
बस तरुवर की जात रे।
(मेरी काव्य-कृति : ‘माटी का दीया’ से,,,)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
प्रशासनिक अधिकारी
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
यूंही सावन में तुम बुनबुनाती रहो
यूंही सावन में तुम बुनबुनाती रहो
Basant Bhagawan Roy
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
मन वैरागी हो गया
मन वैरागी हो गया
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
अगर प्रफुल्ल पटेल
अगर प्रफुल्ल पटेल
*Author प्रणय प्रभात*
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
शेखर सिंह
असर
असर
Shyam Sundar Subramanian
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
Dr MusafiR BaithA
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
Keshav kishor Kumar
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
पूर्वार्थ
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
Neeraj Agarwal
भर गया होगा
भर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
सफ़र है बाकी (संघर्ष की कविता)
Dr. Kishan Karigar
कभी जब नैन  मतवारे  किसी से चार होते हैं
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
Dr Archana Gupta
"The Dance of Joy"
Manisha Manjari
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
आदमी क्या है - रेत पर लिखे कुछ शब्द ,
Anil Mishra Prahari
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शिछा-दोष
शिछा-दोष
Bodhisatva kastooriya
"चलना और रुकना"
Dr. Kishan tandon kranti
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
Anil chobisa
3383⚘ *पूर्णिका* ⚘
3383⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
🎊🏮*दीपमालिका  🏮🎊
🎊🏮*दीपमालिका 🏮🎊
Shashi kala vyas
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
Rj Anand Prajapati
Loading...