Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2018 · 2 min read

भारत में बालश्रम : एक अभिशाप-पुस्तक समीक्षा मनोज अरोड़ा

देश में बाल मजदूरी का बढऩा गरीबी तो है ही, इसके साथ-साथ मुख्य कारण है उन बालकों के अभिभावकों का अशिक्षित होना। अक्षरज्ञान न होने के कारण वे शिक्षा के महत्त्व को नहीं जान पाते और पीढिय़ों से चली आ रही प्रथा के अनुसार वह व्यक्ति अपनी संतान को भी स्वयं की तरह बंधुआ मजदूर बना लेते हैं।
सरकारी तथा गैरसरकारी संस्थानों की ओर से बाल मजदूरी की रोकथाम हेतु कड़े कदम उठाये जाते हैं, उद्योगों तथा मिलों से नाबालिग बालक-बालिकाओं को कार्य से मुक्त भी करवाया जाता है, परन्तु इसके साथ-साथ अगर उन बालश्रमिकों के अभिभावकों का सर्वे कर उनको शिक्षा के प्रति जागरुक किया जाये तो जहाँ एक ओर शिक्षा का प्रकाश फैलेगा वहीं दूसरी ओर बाल मजदूरी भी कम होगी।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी डॉ. अंजना वर्मा एवं डॉ. रश्मि सोमवंशी द्वारा शोधपरक पुस्तक ‘भारत में बालश्रम : एक अभिशाप’ इन्हीं तथ्यों पर आधारित है। पुस्तक में सम्मिलित ‘बालश्रम अवधाराणा एवं स्वरूप’ से लेकर ‘बालश्रम समस्या के प्रभाव व सुझाव’ तक दस अध्यायों में लेखिकाद्वय ने बालश्रम से जुड़ी समस्याओं पर गम्भीरता से कलम चलाई है।
जिसमें बाल-मजदूरी की रोकथाम हेतु सरकार के कदम, स्वैच्छिक संगठनों के सम्पूर्ण कार्यों की सूची सहित आँकड़ों को भी प्रदर्शित किया है, जिनसे हमें यह ज्ञात होता है कि कौन-कौनसे राज्यों तथा प्रमुख स्थानों पर किन-किन कार्यों में बाल-मजूदर अपना बहुमूल्य जीवन अपने अभिभावकों के कहने तथा स्वैच्छिक रूप से झोंक रहे हैं।
अगर सरकारी एवं निजी संस्थाओं द्वारा मिलकर झुग्गी-झोंपडिय़ों तथा कच्ची बस्तियों का सर्वे कर बालकों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरुक किया जाए तो शायद बाल-मजदूरी काफी हद तक कम हो सकती है, क्योंंकि उन्हें सबसे अधिक व मुख्य रूप से आवश्कयता है तो सही मार्गदर्शन की जो आज के सुशिक्षित नागरिक ही प्रदान कर सकते हैं।
लेखिकाद्वय डॉ. अंजना वर्मा एवं डॉ. रश्मि सोमवंशी द्वारा लिखित शोधपरक पुस्तक ‘भारत में बालश्रम : एक अभिशाप’ शोधार्थियों एवं अन्य पाठकों में अहम् स्थान बनाएगी। इसी कामना के साथ…………..।
—मनोज अरोड़ा
(लेखक एवं समीक्षक)
संपादक-साहित्य चन्द्रिका (मासिक पत्रिका) एवं शोध त्रैमासिकी
जयपुर। +91-992001528

Language: Hindi
Tag: लेख
886 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आस का दीपक
आस का दीपक
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
बहन भी अधिकारिणी।
बहन भी अधिकारिणी।
Priya princess panwar
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
जाना है
जाना है
Dr.Pratibha Prakash
■आप देखेंगे जल्द■
■आप देखेंगे जल्द■
*प्रणय प्रभात*
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
Ravi Prakash
पर्यावरण
पर्यावरण
Dinesh Kumar Gangwar
!! वह कौन थी !!
!! वह कौन थी !!
जय लगन कुमार हैप्पी
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
Savitri Dhayal
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
चाहत
चाहत
ललकार भारद्वाज
चाय
चाय
अंकित आजाद गुप्ता
बेफ़िक्री का दौर
बेफ़िक्री का दौर
करन ''केसरा''
कुंभ में मोनालिसा
कुंभ में मोनालिसा
Surinder blackpen
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
हम भी होशियार थे जनाब
हम भी होशियार थे जनाब
Iamalpu9492
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नूरफातिमा खातून नूरी
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
आर.एस. 'प्रीतम'
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
चेतन वार्तालाप
चेतन वार्तालाप
Jyoti Pathak
आदमी आदमी के रोआ दे
आदमी आदमी के रोआ दे
आकाश महेशपुरी
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
"परमार्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
सम्पूर्ण सनातन
सम्पूर्ण सनातन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
Loading...