भगवान कहाँ है तू?
रो रो के पूंछता हूँ है भगवान कहाँ है तू?
मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे गिरजाघर ढूँढे
चलते-चलते थक कर पूंछता कहाँ है तू?
पेट की खातिर अपनों को छोड दिया,
भूख औ मौत के समय पूंछता कहाँ है तू?
अपनों मे अन्तिम सांस लेने की आस,
तेरे सहारे निकले मिले पूंछता कहाँ है तू?
कुछ तेरे रूप मे इन्सानियत के फरिश्ते
मिले खाना पीना बाँटते पूंछता कहाँ है तू?
इस मुश्किल घडी मै भी जब नही मिला
फिर मिलने से क्या मिले पूंछता कहाँ है तू?