Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2024 · 1 min read

‘रिश्ते’

‘रिश्ते’
रिश्ते प्रेम और विश्वास से चलते हैं, जिन रिश्तों में प्रेम खत्म हो जाता है, वह टूट जाते हैं। सिर्फ नाम के रिश्ते, रिश्ते नहीं होते। आजकल रिश्ते गलतफहमी, अहंकार, खीझ, एवं विनम्रता की कमी के कारण टूट रहे हैं।

1 Like · 147 Views

You may also like these posts

अंधेरे का सच
अंधेरे का सच
Kshma Urmila
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
अरशद रसूल बदायूंनी
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय*
ये अल्लाह मुझे पता नहीं
ये अल्लाह मुझे पता नहीं
Shinde Poonam
इश्क
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*एक मां की कलम से*
*एक मां की कलम से*
Dr. Priya Gupta
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
यूं आंखों ही आंखों में शरारत हो गई है,
यूं आंखों ही आंखों में शरारत हो गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
साहित्यकार कौन
साहित्यकार कौन
Kanchan verma
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
*गर्मी पर दोहा*
*गर्मी पर दोहा*
Dushyant Kumar
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
तमाम रातें तकतें बीती
तमाम रातें तकतें बीती
Suryakant Dwivedi
शीर्षक - चाय
शीर्षक - चाय
Neeraj Agarwal
ये बेकसी है दिल की या दर्द की निशानी
ये बेकसी है दिल की या दर्द की निशानी
Dr fauzia Naseem shad
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888 - Nhà Cái Số 1, Giao Dịch Siêu Tốc, Nạp Rút An Toàn. T
AE888
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
जिंदगी भी किताब जैसी
जिंदगी भी किताब जैसी
Seema gupta,Alwar
चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर
चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर
RAMESH SHARMA
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
VINOD CHAUHAN
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
তুমি নেই
তুমি নেই
Sakhawat Jisan
घाव
घाव
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
मन का डर
मन का डर
Aman Sinha
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
नेक काम है
नेक काम है
विक्रम कुमार
मुझे याद🤦 आती है
मुझे याद🤦 आती है
डॉ० रोहित कौशिक
Loading...