बोलो हां कर दोगी ना
जिस्म की रूह , बेखयाली में ख्याल,
नींद में हो सपने ,तुम गैर होके भी अपने ।
क्या हॉल तुम्हारा बयां तो करो,
खामोश लब, मुस्करा लेगें फिर से ,
बस तुम एक पल हां का सिहारा करो ,
दोस्ती हटाकर, जरा इश्किया गागर भरो
मान जाओ जरा तुम हो तो करो ।।
एक और हां माँगता हूं,
बोलो हां कर दोगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
प्यार तुम्ही हो बस
एक बार हां कर दोगी ना ।
चाहा है दिल से,
उस दिल का मान रख लोगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
तकलीफ होती है हमे ,
तुम्हारी नजरों के बेवजह होने से,
बोलो ऐसी तकलीफ फिर से दोगी ना ।
एहसाह जिंदा है,
हां का बोला ,हां कर दोगी ना,
प्यार तुम ही हो , बोलो प्यार वापस दोगी ना
बोलो हां कर दोगी ना ।
तुम अनंत गजल ,मै स्याही कलम
बना शब्दों की माला , मैं लिखता गजल
बोलो मेरे भावों की गज़ल बन ,
कोरे पन्नों पे उतरोगी ना,
बोलो मेरे लेखनी के शब्द बनोगी ना,
बोलो हां कर दोगी ना ।
भंवरे फूल पे मडरते
रस भीन कर जाते,
बोलो भंवरा बन मडराने दोगी ना ,
बोलो हाँ कर दोगी ना ।
तुम अपने दिल को समझाओगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना ,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
हरपल याद आती हमेशा रूलाती,
बोलो अब हसाओगी ना ।
दोस्ती छोड़ प्यार का हाथ बढ़ावोगी ना ,
गैर से अपना बनकर दिखाओगी ना ,
बोलो हां कर दोगी ना,
बोलो हां कर दोगी ना ।
By … Anant Yadav