Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2024 · 1 min read

सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते

सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
अगर मंज़िल बड़ी है तो यूं दिल छोटा नहीं करते

किसी को हद दिखानी हो तो पहले क़द बढ़ाओ तुम
ज़मीं से आसमानों पर कभी थूका नहीं करते

बुरी आदत की राहों पर कभी चलना नहीं क्योंकि
ख़ुद अपनी लाश अपने आप को सौंपा नहीं करते

यहीं तो फ़र्क़ होता है बड़ों में और बच्चों में
कभी करने से पहले कुछ भी ये सोचा नहीं करते

उसूलों पे जो चलते हैं उन्हीं में बात ये होती
कभी वादा किया तो फिर उसे तोड़ा नहीं करते

समझदारी इसी में है कि पहले जान लो सब कुछ
बिना गहराई जाने झील में उतरा नहीं करते

जॉनी अहमद ‘क़ैस’

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3249.*पूर्णिका*
3249.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आखिर कब तक ?
आखिर कब तक ?
Dr fauzia Naseem shad
अँधेरे में नहीं दिखता
अँधेरे में नहीं दिखता
Anil Mishra Prahari
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
........,!
........,!
शेखर सिंह
मछलियां, नदियां और मनुष्य / मुसाफ़िर बैठा
मछलियां, नदियां और मनुष्य / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
महादेव को जानना होगा
महादेव को जानना होगा
Anil chobisa
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
पर्यावरण
पर्यावरण
Manu Vashistha
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
उम्मीद रखते हैं
उम्मीद रखते हैं
Dhriti Mishra
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
फागुनी धूप, बसंती झोंके
फागुनी धूप, बसंती झोंके
Shweta Soni
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
manjula chauhan
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
हमने उनकी मुस्कुराहटों की खातिर
Harminder Kaur
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)*
*सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)*
Ravi Prakash
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
ज़रा-सी बात चुभ जाये,  तो नाते टूट जाते हैं
ज़रा-सी बात चुभ जाये, तो नाते टूट जाते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आज, पापा की याद आई
आज, पापा की याद आई
Rajni kapoor
💐प्रेम कौतुक-179💐
💐प्रेम कौतुक-179💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता
खुद से बिछड़े बहुत वक्त बीता "अयन"
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Loading...