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1 Feb 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . . .

दोहा त्रयी. . . .
मृदु भाषी व्यक्तित्व हो ,संयत हो व्यवहार ।
ऐसे जीवन को करे, याद सदा संसार ।।

जीवन भर मिटते नहीं, शब्द शरों के घाव ।
मूक वेदना नयन में, भर देती है स्राव ।।

वरण मौन का जो करे, जब हो कटु संवाद ।
सुखद मिलें परिणाम जब, थम जाते उन्माद ।।

सुशील सरना / 1-2-24

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