बॉलीवुड की नीचता की पराकाष्ठा
बॉलीवुड वालों ने नई तकनीकी का प्रयोग कर ,
आदि पुरुष नाम की फिल्म बनाई ।
मगर यह हिंदू समाज को रास न आई ।
आए भी कैसे इन्होंने पहुंचाया भारतीय संस्कृति,
और हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस ।
युगों युगों से जो छवि समाई थी हमारे नैनो में ,
यह तो वैसा रूप है ही नहीं ।
लिखा है जो पुराणों में वह रूप वह सौम्यता ,सादगी ,और पवित्रता इनमें है ही नहीं ।
और तो और रावण को बनाया ऐसा खलनायक ,
वह था वीर पुरुष और महान पंडित ,
ऐसा भयंकर और विभत्स वोह था ही नहीं ।
ना जाने कैसी फिल्म बनाई ,
हमारी रामायण को आधार बनाकर ।
मात्र अपनी तिजोरियां भरने को इन्होंने ,
रख दिया पवित्र ग्रंथ को मजाक बनाकर ।
माना के कलाकार का कोई धर्म नहीं होता ,
मगर उसका एक धर्म तो होता है इंसानियत ।
उससे भी बड़ा धर्म होता है भारतीय होना ।
भारत में ही रहकर भारत की संस्कृति और सभ्यता
को लांछित करना ।
शोभा नहीं देता ऐसे गद्दार लोगों को इंसान भी कहना ।
बंद करो ! इस गटर मैं बड़ी सड़ांध है ,
यह बॉलीवुड नहीं ,हमारे भारत की संस्कृति का ,
कलंक है ।