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28 Apr 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना

दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना

पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास ।
था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।।

महफिल में तनहा जली, लेकर मन में आस ।
परवाने के प्यार की, मन में जागी प्यास ।।

फना शमा पर हो गए, परवाने कल रात ।
मिली अजल की इश्क में, उनको यह सौगात ।।

सुशील सरना / 28-4-24

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