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21 May 2024 · 1 min read

नशा त्याग दो

बीड़ी बंडल पुडिया सिगरेट, छोड़ो मेरे भाई.
रहो निरोगी बीमारी से, न घर में होये लड़ाई..
सुरा सुंदरी मदिरा लोभ, दरिद्रता के द्वार.
भूखे नंगे लड़का घूमत, ऐसे जीवन को धिक्कार..
नशा त्याग दो जुआ त्याग दो, गांठ बांध लो मेरी.
पढ़े लिखे बच्चे हो जाये, मेहनत सफल हो जाये तेरी..
पढ़ लिखकर बच्चे बन जायेंगे, डिप्टी और कलेक्टर.
छाती चौड़ी माथा ऊंचा, जब बिटिया बन जाये इंस्पेक्टर..
गांव गली और चौबारे पे, खूब बटेंगे पर्चे.
अखबारों में नाम छपेंगे, सबके होंगे चर्चे..

लोधी श्यामसिंह राजपूत तेजपुरिया
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित

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