Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2023 · 1 min read

*इमली (बाल कविता)*

इमली (बाल कविता)

इमली की चटनी बनवाओ
उसके संग समोसा खाओ
खट्टा गूदा कहलाता है
कई काम में यह आता है
इमली का फल बड़ा निराला
मोटी-चिकनी गुठली वाला

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

305 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
2885.*पूर्णिका*
2885.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
पढ़ना सीखो, बेटी
पढ़ना सीखो, बेटी
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मन की दुनिया अजब निराली
मन की दुनिया अजब निराली
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तु आदमी मैं औरत
तु आदमी मैं औरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
Prakash Chandra
बस माटी के लिए
बस माटी के लिए
Pratibha Pandey
💐प्रेम कौतुक-413💐
💐प्रेम कौतुक-413💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुंवारों का तो ठीक है
कुंवारों का तो ठीक है
शेखर सिंह
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
कोई मिले जो  गले लगा ले
कोई मिले जो गले लगा ले
दुष्यन्त 'बाबा'
बेटियां! दोपहर की झपकी सी
बेटियां! दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Sakshi Tripathi
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
Soniya Goswami
Loading...