बाहुबल
निज बाहुबल पर है विश्वास,लक्ष्य साध संधान करो।
हे मनुज!कुछ नहीं सोचना ,अब शीघ्र ये विधान धरो।।
सदा नववर्ष मंगलमय हो, विचार मन में यही रखो।
हार जीत जो भी मिल जाए, समभाव रखकर ही चखो।।
वैर किसी से क्यों जी करना,सबको अपनाएं मन से।
सेवा मन से सबकी करना,नहीं कर सको यदि धन से।।