Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2021 · 1 min read

बाहुबल

निज बाहुबल पर है विश्वास,लक्ष्य साध संधान करो।
हे मनुज!कुछ नहीं सोचना ,अब शीघ्र ये विधान धरो।।
सदा नववर्ष मंगलमय हो, विचार मन में यही रखो।
हार जीत जो भी मिल जाए, समभाव रखकर ही चखो।।
वैर किसी से क्यों जी करना,सबको अपनाएं मन से।
सेवा मन से सबकी करना,नहीं कर सको यदि धन से।।

Language: Hindi
1 Comment · 349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रजस्वला
रजस्वला
के. के. राजीव
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
Dr fauzia Naseem shad
चाहत
चाहत
Bodhisatva kastooriya
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ए जिन्दगी कुछ
ए जिन्दगी कुछ
हिमांशु Kulshrestha
दोनों हाथों की बुनाई
दोनों हाथों की बुनाई
Awadhesh Singh
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
पौधे मांगे थे गुलों के
पौधे मांगे थे गुलों के
Umender kumar
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
*होठ  नहीं  नशीले जाम है*
*होठ नहीं नशीले जाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
आंखों की नदी
आंखों की नदी
Madhu Shah
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
कवि दीपक बवेजा
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग्यारह होना
ग्यारह होना
Pankaj Bindas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
"सफलता का राज"
Dr. Kishan tandon kranti
फिर फिर मुड़ कर
फिर फिर मुड़ कर
Chitra Bisht
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
Dheerja Sharma
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
Loading...