Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 2 min read

मैंने जीना छोड़ दिया

यह सच है कि मैंने जीना छोड़ दिया
आखिर ऐसा करके कौन सा अपराध कर दिया।
आप ही बताओ मुझे
जीकर आखिर क्या पा रहा हूँ
जीना छोड़कर जो गँवाने जा रहा हूँ।
मेरी समझ से कुछ भी तो नहीं
आपके पास भी तो मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं है
क्योंकि आपको सिर्फ जीने से मतलब है।
मगर मैं इस तरह नहीं जी सकता
क्योंकि मैं जीना नहीं जिंदा रहना चाहता हूँ,
दिन, महीने, साल या सौ दो सौ साल तक
मैं जीना चाहता हूँ समय सीमा पार तक,
जिसका कोई आंकलन, अनुमान न हो,
हो भी तो वो हम आप नहीं आने वाली पीढ़ियां करें।
मगर इसके लिए जीना नहीं जिंदा रहना जरूरी है,
और जिंदा रहने के लिए
लीक से हटकर चलना जरूरी है।
आप सहमत हैं या नहीं
इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,
मुझे तो फर्क पड़ता है अपने जीने या जिंदा रहने से,
जिसकी कोई सीमा न हो
जाति, धर्म, मजहब, उम्र, समय, दायरा न हो
अपने-पराए, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब के
बंधनों की सीमा का प्रतिबंध न हो।
बस! इसीलिए जीना छोड़ा दिया है मैंने
और अब जिंदा रहने के लिए कुछ करना चाहता हूँ,
जो जीने से भी ज्यादा सार्थक हो
जिसमें किसी को ईर्ष्या, द्वेष, निंदा, नफरत,
झिझक, शर्म, संकोच डर न हो।
बस! ऐसा भाव हो जो संबल दे सके
मुझे आज जिंदा रहते हुए,
न कि उलाहना दे मेरी सोच को,
बस यही मेरी आदत है
या मान लीजिए मैं ऐसा ही हूँ।
भीड़ का हिस्सा बनना मुझे मंजूर नहीं ह,
इसीलिए मैं आपकी समझ में भी नहीं आ रहा हूँ।
क्योंकि मैं भीड़ के साथ नहीं, भीड़ से अलग चलता हूँ,
ठीक वैसे ही जैसे आज और अभी से
जीने की बजाय जिंदा रहने के लिए
कुछ अलग करना चाहता हूँ,
बेवकूफ नहीं हूं मैं
जो यूँ ही जीना छोड़ दिया मैंने।
मैं तो जिंदा रहना चाहता हूँ,
सिर्फ कुछ वर्ष तक ही नहीं
आने वाली कई पीढ़ियों के साथ रहना चाहता हूंँ
ऐसा जीकर नहीं जिंदा रहकर ही हो सकता है
ये बात अच्छे से समझता हूँ मैं।
आप क्या सोचते हैं? सोचते रहिए
आप जीना चाहते हैं, जीते रहिए,
मैं अपनी राह चल पड़ा हूँ
मेरी राह में बाधक मत बनिए,
खुद भी खुश रहिए और हमें भी रहने दीजिए
आप जीते रहिए और हमारे जिंदा रहने के लिए
थोड़ी दुआ, प्रार्थना भी करते रहिए।

Language: Hindi
1 Like · 52 Views

You may also like these posts

*पाया-खोया चल रहा, जीवन का यह चक्र (कुंडलिया)*
*पाया-खोया चल रहा, जीवन का यह चक्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गिरगिट को भी अब मात
गिरगिट को भी अब मात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जन्मभूमि
जन्मभूमि
Rahul Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
PANKAJ KUMAR TOMAR
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
shabina. Naaz
तू ही मेरा रहनुमा है
तू ही मेरा रहनुमा है
Monika Arora
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
पेड़ की गुहार इंसान से...
पेड़ की गुहार इंसान से...
ओनिका सेतिया 'अनु '
चितौड़ में दरबार डोकरी
चितौड़ में दरबार डोकरी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अफसाना
अफसाना
Ashwini sharma
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
अब खोटे सिक्के भी उछाले जा रहे हैं खेल में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अनुभवों संग पक्षाघात बना वरदान
अनुभवों संग पक्षाघात बना वरदान
Sudhir srivastava
*कन्या पूजन*
*कन्या पूजन*
Shashi kala vyas
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
3635.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय*
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
स्वर्ग से उतरी बरखा रानी
Ghanshyam Poddar
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
Loading...