बाल दिवस पर मेरी कविता
बाल दिवस पर मेरी कविता,
उन सब बच्चो के नाम है ।
रोज सुबह जो उठकर करते,
मात – पिता को प्रणाम है ॥ 1 ॥
जो नही भटकते इधर उधर ,
करते नियम से अपना काम है ।
मात – पिता में श्रद्धा रखना,
इनके चरणो में चारो धाम है ॥ 2 ॥
संगत बुरी न करना अपनी,
उनका भी बुरा परिणाम है
ठोकर खाकर जाग भी जाओ
क्योंकि समय बड़ा बलवान है ॥ 3 ॥
मात – पिता का आदर होता
जिस घर में सुबह और शाम है |
उस घर में परमेश्वर बसते
होता घर स्वर्ग समान है ॥ 4 ॥
सभी को मेरी शुभकामनाएं,
और साथ में ये पैगाम है ।
अश्व वही जो विजय को पाता
जिसकी कसी लगाम है ॥ 5 ॥
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार
13/11/2022