Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2023 · 1 min read

बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।

बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
नज़र लग जाए ना मम्मी उसे काजल लगाती थी।।
ये बातें है उसे भी ठंड तो लगती रही होगी।
मेरी खातिर वो जाड़ों में हर दिन नहाती थी।।।

419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय*
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
Neeraj kumar Soni
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
Neelofar Khan
15--🌸जानेवाले 🌸
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Ram Krishan Rastogi
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
Sonam Puneet Dubey
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"राग की आग"
Dr. Kishan tandon kranti
संत हृदय से मिले हो कभी
संत हृदय से मिले हो कभी
©️ दामिनी नारायण सिंह
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
कविता
कविता
Neelam Sharma
साहस है तो !
साहस है तो !
Ramswaroop Dinkar
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
पूर्वार्थ
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
"अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतं
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
दिल के किसी कोने में
दिल के किसी कोने में
Chitra Bisht
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
निर्धन की  यह झोपड़ी,
निर्धन की यह झोपड़ी,
sushil sarna
Loading...